वारदात को अंजाम देने के लिए नक्सली ले सकते हैं ड्रोन का सहारा, चौकसी जरूरी

विशेष शाखा ने मामले को लेकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सभी जिलों के एसपी को अलर्ट कर दिया है। अभियान और गश्ती के दौरान जवानों को विशेष रूप से सुरक्षा बरतने की हिदायत दी गई है।

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झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके में रेकी कर पुलिस पर हमला करने के लिए भाकपा माओवादी संगठन के नक्सली ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके में रेकी कर पुलिस पर हमला करने के लिए भाकपा माओवादी संगठन के नक्सली ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस बात का खुलासा स्पेशल ब्रांच द्वारा तैयार रिपोर्ट से हुआ है। स्पेशल ब्रांच ने मामले को लेकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सभी जिलों के एसपी को अलर्ट कर दिया है। अभियान और गश्ती के दौरान जवानों को विशेष रूप से सुरक्षा बरतने की हिदायत दी गई है। विशेष शाखा की रिपोर्ट में इस बात उल्लेख किया गया है कि भाकपा माओवादियों के पास ड्रोन तकनीक होने के संबंध में सूचना मिली है।

अभियान एवं गश्ती के दौरान या कैंप की रेकी में नक्सली ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। ड्रोन तकनीक से रेकी के बाद नक्सली घटना को अंजाम दे सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भाकपा माओवादी सुरक्षाबलों द्वारा प्रयोग किए जा रहे नेत्रा ड्रोन को टारगेट कर नष्ट भी कर सकते हैं। पुलिस नेत्रा ड्रोन का प्रयोग नक्सलियों की गतिविधियों और उनके ठिकानों के बारे जानकारी एकत्र करने के लिए करती है।

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सल प्रभावित इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए नेत्रा ड्रोन का प्रयोग किया गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीने में नक्सली गतिविधियों में इजाफा हुआ है। नक्सलियों ने कई हिंसक घटनाओं को अंजाम भी दिया है। माना जा रहा है कि अचानक नक्सली वारदातों में आई तेजी की वजह उनकी बौखलाहट क्योंकि लगातार बढ़ती चौकसी से उनकी रातों की नींद उड़ चुकी है। आए दिन नक्सलियों के मारे जाने और सरेंडर करने के चलते अब उनके अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। विशेष शाखा पहले से इस बात को लेकर अलर्ट कर चुकी है कि नक्सली ग्रामीणों के वेश में भी हमला कर सकते हैं।

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