
पुलवामा हमले में शहीद हुए जवान पंकज त्रिपाठी। फाइल फोटो।

पुलवामा हमले में शहीद के परिवार को दबंगों से धमकियां मिल रही हैं। साथ ही उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश भी हो रही है। दरअसल, पुलवामा हमले में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के शहीद जवान पंकज त्रिपाठी के परिजनों को पट्टे पर एक एकड़ जमीन मिली थी। इस जमीन पर दबंगों ने कब्जा करने की कोशिश की है। यही नहीं, विरोध करने पर शहीद के परिजनों को जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। शहीद के भाई ने 16 जुलाई को अफसरों से इसकी शिकायत की। मामले की जांच एसडीएम को सौंपी गई है। वहीं अब तक शहीद के परिवार को जमीन का अधिकार नहीं मिल पाया है।
16 जुलाई को फरेंदा में आयोजित समाधान दिवस में पहुंचे शहीद पंकज के छोटे भाई शुभम त्रिपाठी ने बताया कि उनके भाई पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए थे। इसके बाद प्रशासन ने परिवार की पूरी मदद करने का भरोसा दिया था। जिला प्रशासन ने खेती के लिए जमीन पट्टे पर दी। लेकिन उस जमीन पर जब वे 10 जुलाई को धान की रोपाई करने गए तो गांव के ही कुछ दबंगों ने रोक दिया। धमकी दी कि बड़ा भाई तो देश के नाम पर शहीद हो गया, अब तुम अकेले बचे हो। ठीक से रहो नहीं तो अंजाम बुरा होगा। शुभम ने बताया कि दबंगों ने जान मारने की भी धमकी दी। इस धमकी से शहीद का पूरा परिवार दहशत में है। वे लोग कभी भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे में शहीद के परिवार की मांग है कि प्रशासन पूरे परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले। साथ ही पट्टे की जमीन पर हक भी दिलाए।
प्रभारी डीएम पवन अग्रवाल ने फरेंदा के एसडीएम आरबी सिंह को जांच सौंपी है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इन शहीदों में यूपी के महाराजगंज के फरेंदा क्षेत्र के हरपुर बेलहिया के रहने वाले पंकज त्रिपाठी भी थे। अंतिम संस्कार के समय प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री ने शहीद के नाम पर स्पोर्ट्स स्टेडियम, सड़क, गांव में शहीद की प्रतिमा और खेती के लिए एक एकड़ जमीन पट्टे पर देने की घोषणा की थी। बाकी सभी घोषणाओं पर तो काम चल रहा है, लेकिन पट्टे की जमीन पर अभी तक शहीद के परिवार को हक नहीं मिल पाया है।
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