Independence Day 2020

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 20 साल बाद धुर नक्सल (Naxal) प्रभावित गांव मारजुम में आजादी के बाद पहली बार सुरक्षाबल के जवान, महिला कमांडो और ग्रामीणों ने मिलकर तिरंगा लहराया।

आजाद हिंद फौज के प्रयाणगीत 'कदम-कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा' को सी. रामचंद्र ने' समाधि' में भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी थी। राष्ट्रभक्ति पूर्ण गीतों का सिलसिला यों तो 1947 के बाद के वर्षों में बनी कई फिल्म (Film) तक चला।

देशभक्ति पर बॉलीवुड में सालों से फिल्में बनती आ रही है। कई फिल्में तो सुपर हिट रही हैं। देशभक्ति एक ऐसा टॉपिक है जिससे हर नागरिक जुड़ा रहता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 74वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2020) के अवसर पर लाल किले पर झंडा फहराया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना योद्धाओं को नमन करते हुए कहा कि देश विशेष हालात से गुजर रहा है।

Independence Day: लार्ड माउंटबेटन ने 3 जून को ही मीटिंग में 15 अगस्त (15th August) के दिन को आजादी के लिए चुना लेकिन इस तारीख पर देशभर के तमाम  ज्‍योतिषियों में आक्रोश फैल गया।

74वें स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर आप देशभक्ति के गीत सुन सकते हैं। आप परिवार के साथ मिलकर गीतों का आनंद ले सकते हैं।

भारत 15 अगस्त 1947 के दिन अंग्रेजों से आजाद हुआ था। देशवासियों के के दिल में सिर्फ भारत मां बसती है। वे कितना प्यार करते हैं इसे फिल्मों में दिखायाा गया है।

आजादी (Independence) के इस पावन पर्व पर सभी देशवासियों को इस तरह के परिवेश पर सच्चे मन से मंथन कर सही दिशा में संकल्प लेने की भावना जागृत करनी होगी, तभी आजादी के वास्तविक स्वरूप को परिलक्षित किया जा सकेगा।

अमर शहीद ऊधम सिंह (Udham Singh) ने 13 अप्रैल, 1919 ई. को पंजाब में हुए भीषण जलियांवाला बाग हत्याकांड के उत्तरदायी माइकल ओ’डायर की लंदन में गोली मारकर हत्या करके निर्दोष भारतीय लोगों की मौत का बदला लिया था

ताज्जुब तो भारतीय टेलीविजन चैनल के कार्यक्रमों से होता है, जो साल भर हर घर में फूहड़ता परोसते हैं वो भी अचानक देशभक्ति की फिल्में दिखाकर लोगों के दिलों में सोये देशभक्ति के जज्बे को जगाने की कोशिश करते हैं।

बिंदी तिवारी (Bindi Tiwari) की मौत के बाद सिपाहियों ने उसी पीपल के पेड़ के पास एक छोटा सा मंदिर बिंदी तिवारी की याद में बना दिया। वो मंदिर आज भी है, उसे बिंदा बाबा के मंदिर के नाम से जाना जाता है।

15 अगस्त 1947 (Independence Day) के दिन हमारे देश को आजादी मिली थी। तब ब्रिटिश झंडे को नीचे उतारकर, भारतीय ध्वज को ऊपर चढ़ाया गया था, फहराया गया था।

अफ़ज़ल बारामुला डिग्री कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर का छात्र था। कई बार दोस्तों के साथ पत्थरबाज़ी में शरीक होता था। मज़ा आता था उसको दोस्तों के साथ नारे लगाने में और पत्थर फेंकने में। पर ये सब करने की वजह शायद उसको खुद मालूम नहीं थी।

अफ़ज़ल बारामुला डिग्री कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर का छात्र था। कई बार दोस्तों के साथ पत्थरबाज़ी में शरीक होता था। मज़ा आता था उसको दोस्तों के साथ नारे लगाने में और पत्थर फेंकने में। पर ये सब करने की वजह शायद उसको खुद मालूम नहीं थी।

सेना ने खास रणनीति 'वॉर ऑफ मूवमेंट' के जरिए दुश्मनों के कब्जे वाले इलाकों पर कहर बरपा कर खुद का कब्जा जमाया था। यहां तक भारतीय सेना ढाका तक पहुंच गई थी।

राधेश्याम तिवारी के बड़े बेटे साधूराम तिवारी एयर फोर्स से रिटायर्ट हैं। साधूराम बताते हैं कि मेरे भाई राजेश भी सेना से रिटायर्ड हैं। जबकि तीसरी पीढ़ी से धीरेंद्र तिवारी नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर से रिटायर हैं।

इस वॉर मेमोरियल में आपको पता लगेगा कि कैसे युद्ध में भारतीय सैनिक बंकर से लेकर बंकर तक योजनाबद्ध तरीके से भागते हुए दुश्मन सेना पर हथगोले फेंकते थे।

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