ये है झंडा फहराने का नियम, ऐसे फहराया जाता है स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा

15 अगस्त 1947 (Independence Day) के दिन हमारे देश को आजादी मिली थी। तब ब्रिटिश झंडे को नीचे उतारकर, भारतीय ध्वज को ऊपर चढ़ाया गया था, फहराया गया था।

15th August

Independence Day 2020

Independence Day 2020: तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। दरअसल इसमें तीन रंगों केसरिया, सफेद और हरा का इस्तेमाल हुआ है। इसलिए हमारे राष्ट्रीय झंडे को तिरंगा कहा गया।

Independence Day 2020: इस साल भारत अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री देश की राजधानी लालकिले की प्राचीर से तिरंगा लहराकर भारत की शान को नमन करते हैं। वैसे झंडा 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के दिन भी फहराया जाता है, लेकिन दोनों ही दिनों में इसको फहराए जाने के तरीके में काफी अंतर होता है।

विदेशी जमीं पर पहली बार भारतीय झंडा फहराने वाली जाबांज महिला थीं मैडम भीकाजी कामा

हर देश का राष्ट्रध्वज उसकी शान और पहचान होता है। उसकी आन-बान-शान बरकरार रखने के लिए सैनिक ही नहीं आम जनता भी हमेशा अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार रहती है। भारतीय आजादी और इसकी अखंडता को बरकरार रखने के लिए बहुत से लोगों ने बलिदान देकर हिंदुस्तान के राष्ट्रध्वय तिरंगे का सम्मान बरकरार रखा है। ऐसे में हमें भी इसके बारे में सारी जानकारी होना आवश्यक है।

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) और गणतंत्र दिवस के दिन झंडा फहराने में क्या है फर्क?

15 अगस्त 1947 (Independence Day) के दिन हमारे देश को आजादी मिली थी। तब ब्रिटिश झंडे को नीचे उतारकर, भारतीय ध्वज को ऊपर चढ़ाया गया था, फहराया गया था। झंडे को नीचे से ऊपर ले जाया गया था। इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहा जाता है। इसलिए 15 अगस्त को जो ध्वजारोहण किया जाता है, वो इसी तरीके से होता है। जबकि 26 जनवरी (Republic Day) को हमारा संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन पहले से ऊपर बंधे हुए झंडे को केवल फहराया (Flag Unfurling) जाता है।

कौन करता है ध्‍वजारोहण?

15 अगस्त 1947 (Independence Day) के बाद से हर साल भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लालकिले पर ध्वजारोहण करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रधानमंत्री देश के राजनीतिक प्रमुख होते हैं, जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं।

कहां फहराया जाता है तिरंगा?

वहीं 26 जनवरी, 1950 को आजाद भारत का संविधान लागू होने पर पहले गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह का आयोजन राजपथ पर किया गया था। इसी कारण हर वर्ष देश के प्रथम व्यक्ति भारत के राष्ट्रपति राजपथ पर झंडारोहण करते हैं। 

 

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