जयंती विशेष: अभिनय के कारण नहीं बल्कि फिल्मों की कहानी के कारण याद आते हैं मनोज कुमार
आप जब भी मनोज कुमार (Manoj Kumar) को याद करेंगे तो उनसे ज्यादा उनकी फिल्मों के दूसरे चरित्र ज्यादा याद आते हैं, जो उनसे ज्यादा सशक्त दिखाई देते हैं उनकी सबसे ज्यादा लोकप्रिय फिल्म 'उपकार' का उदाहरण लीजिए। उपकार को याद करने पर मनोज कुमार नहीं, प्राण ज्यादा याद आते हैं। वह ईमानदार, भावुक, साहसी और अपंग चरित्र।
पुण्यतिथि विशेष: घर की जरूरतों के लिए महमूद ने ट्रेन में बेचीं थी टॉफियां, अपने निराले अंदाज और बेहतरीन अभिनय से बने कॉमेडी किंग
1965 में आई फिल्म भूत बंगला से महमूद (Mehmood) ने फिल्म डायरेक्शन में कदम रखा। 1974 में आई फिल्म कुंवारा बाप को उन्होंने डायरेक्ट किया था। इसके अलावा कई फिल्मों में उन्होंने बतौर सिंगर भी अपनी आवाज दी।
Today History (23 July): पुण्यतिथि विशेष: अपने निराले अंदाज से 5 दशकों तक लोगों को हंसाने और गुदगुदाने वाले कलाकार थे महमूद
Today History: बाल कलाकार से कॉमेडी किंग के तौर पर मशहूर हुये महमूद (Mehmood) का जन्म 29 सितम्बर 1933 को मध्यप्रदेश के दतिया में हुआ था। उनके पिता मुमताज अली बाम्बे टाकीज स्टूडियो में काम किया करते थे।
जयंती विशेष: शौमैन राज कपूर की मधूर आवाज थे मुकेश, भारतीय संगीत इतिहास के सर्वश्रेष्ठ गायकों में से एक
मुकेश (Mukesh) ने दिल की गहराइयों में उतर जाने वाली अपनी सधी हुई आवाज में न केवल प्रेम के दुःख, दर्द, निराशा और विरह की गहनतम भावनाओं को अपना स्वर दिया, बल्कि हल्के- फुल्के अंदाज के हास्य, उमंग और मिलन के गीत भी गाए।
Today History (22 July): जयंती विशेष- हिंदी गीतों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले देश के पहले गायक थे मुकेश
Today History: लालाजी ने मुकेश (Mukesh) की बहन सुंदर प्यारी को संगीत की शिक्षा देने के लिए एक शिक्षक रखा था जब भी वह उनकी बहन को संगीत सिखाने घर आया करते थे, मुकेश (Mukesh) पास के कमरे में बैठकर सुना करते थे और स्कूल में सहगल के अंदाज में गीत गाकर अपने साथियों का मनोरंजन किया करते थे।
Anand Bakshi: एक ऐसा गीतकार जिसने Bollywood के लिए एक से एक बेहतरीन और सदाबहार गाने लिखे
मुंबई में आनंद बख्शी मुलाकात फिल्म 'बड़ा आदमी' (1956) के निर्देशक भगवान दादा से हुई, जो गीतकार ढूँढ़ रहे थे और उन्होंने आनंद (Anand Bakshi) से कहा कि वह उनकी फिल्म के लिए गीत लिख दें। इसके लिए वह उनको रुपए भी देने को तैयार हैं। लेकिन उन्हें तब तक गीतकार के रूप में संघर्ष करना पड़ा जब तक सूरज प्रकाश की फिल्म 'मेहंदी लगी मेरे हाथ' (1962) और 'जब-जब फूल खिले' (1965) परदे पर नहीं आई।
आनंद बक्शी: एक ऐसा गीतकार जिसने हिंदी सिनेमा के लिए एक से एक बेहतरीन और सदाबहार गाने लिखे
मुंबई में आनंद बख्शी मुलाकात फिल्म 'बड़ा आदमी' (1956) के निर्देशक भगवान दादा से हुई, जो गीतकार ढूँढ़ रहे थे और उन्होंने आनंद (Anand Bakshi) से कहा कि वह उनकी फिल्म के लिए गीत लिख दें। इसके लिए वह उनको रुपए भी देने को तैयार हैं। लेकिन उन्हें तब तक गीतकार के रूप में संघर्ष करना पड़ा जब तक सूरज प्रकाश की फिल्म 'मेहंदी लगी मेरे हाथ' (1962) और 'जब-जब फूल खिले' (1965) परदे पर नहीं आई।
Today History (21 July): जयंती विशेष- भारतीय कवि और हिंदी सिनेमा के उम्दा गीतकार थे आनंद बख्शी
Today History: आनंद बख़्शी को उनके रिश्तेदार प्यार से नंद या नंदू कहकर पुकारते थे। बख़्शी उनके परिवार का उपनाम था, जबकि उनके परिजनों ने उनका नाम 'आनंद प्रकाश' रखा था, लेकिन फ़िल्मी दुनिया में आने के बाद 'आनंद बख़्शी' के नाम से उनकी पहचान बनी।
अंग्रेजों के लिए सिरदर्द और भारतीयों के दोस्त थे बटुकेश्वर दत्त, जो गुमनामी के अंधेरे में कहीं खो गया
बटुकेश्वर ने जेल में ही 1933 से 1937 तक भूख हड़ताल की। इस ऐतिहासिक भूख हड़ताल का दुष्परिणाम उनकी सेहत पर पड़ा और वो गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। जिसके कारण अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें 1938 में रिहा कर दिया। लेकिन 1941 में उन्हें फिर बंदी बनाया गया और 4 साल बाद फिर उन्हें रिहा कर दिया गया।
Today History (20 July): बटुकेश्वर दत्त शहीदी दिवस- वह क्रांतिकारी जिसने आजाद भारत में जी जिल्लत की जिंदगी
Today History: सन 1908 के नवंबर महीने में बटुकेश्वर दत्त का जन्म कानपुर में हुआ था। वह कुल 4 भाई बहन थे। बड़े भाई का नाम विशेश्वर दत्त था, जो सेंट्रल बैंक ऑफ पटना में उसकी किसी शाखा में कार्यरत थे वह भी मैनेजर के पद पर। उनकी दो बहने थी जिनका नाम क्रमश अंबालिका तथा प्रमिला था। एक खाता पीता सुखी परिवार था उनका।
मंगल पाण्डेय जयंती: अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की पहली चिंगारी सुलगाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी
मंगल पांडे (Mangal Pandey) ने तत्काल अपनी छाती पर नाल रखकर गोली चला दी । वे नहीं चाहते थे कि अंग्रेज उन्हें जीवित पकड़कर उनकी दुर्गति कर दें।
Today History (19 July): जयंती विशेष- 1857 क्रांति के जनक मंगल थे मंगल पाण्डेय
Today History: मंगल पाण्डेय एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंगल पाण्डेय का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में 19 जुलाई 1827 को एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
पुण्यतिथि विशेष: न्यू थियेटर्स की सबसे महंगी गायिका थीं अभिनेत्री कानन देवी
मां बनने के बाद कानन देवी (Kanan Devi) ने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया और समाज सेवा के कार्यों में व्यस्त रहने लगीं। उन्होंने जरूरतमंद महिलाओं की सहायता के लिए 'महिला शिल्पी महल' नामक एक समाज सेवी संस्था बना ली और समाज सेवा के कार्यों जुड़ गई।
Today History (17 July): कानन देवी पुण्यतिथि विशेष- भारत की प्रसिद्ध अभिनेत्री, गायिका और फिल्म निर्माता
Today History: नई पीढ़ी के सिनेमा-प्रेमी भले ही कानन देवी के नाम से परिचित न हों, लेकिन पुरानी पीढ़ी के लोग इस नाम से भली भांति परिचित हैं। उन्हें मालूम है कि नूरजहां के फिल्मों में आने से पहले कानन देवी सर्वश्रेष्ठ गायिका थीं। पिछली सदी के 30 और 40 के दशकों में कानन देवी के गीतों के रिकार्ड सारे देश में, विशेष कर बंगाल में खूब बजते थे।
कैटरीना कैफ- अंतर्राष्ट्रीय मॉडल से बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस बनने का सफर
कैटरीना (Katrina Kaif) की परवरिश मिश्रित संस्कृति में हुई है। उनके पिता मूलत: कश्मीर के हैं, लेकिन उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता स्वीकार कर ली है, जबकि कैटरीना की माँ ब्रिटेन की हैं। लंदन और हवाई द्वीप में पली-बढ़ी कैटरीना अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मॉडल भी रह चुकी हैं।
Today History (16 July): जन्मदिन विशेष- अपनी दिलकश अदाओं से दर्शकों को दीवाना बनाने वाली अदाकारा हैं कैटरीना कैफ
Today History: कैटरीना की परवरिश मिश्रित संस्कृति में हुई है। उनके पिता मूलत: कश्मीर के हैं, लेकिन उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता स्वीकार कर ली है, जबकि कैटरीना की माँ ब्रिटेन की हैं। लंदन और हवाई द्वीप में पली-बढ़ी कैटरीना अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मॉडल भी रह चुकी हैं।
जमशेद जी जीजाभाई जयंती विशेष: अपनी दानवीरता के लिए महारानी विक्टोरिया से सम्मानित होनेवाले पहले भारतीय
जमशेदजी जीजाभाई (Jamsetjee Jejeebhoy) का सबसे अधिक नाम उनकी दानशीलता के कारण है। दुर्भिक्ष सहायता, कुओं और बांधों का निर्माण सड़कों और पुलों का निर्माण, औषधालय स्थापना, शिक्षा-संस्थाएं, पशु-शालाएं, अनाथालय आदि सभी के लिए उन्होंने धन दिया।