Naxalism

नक्सलियों (Naxalites) ने युवक के पेट में गोली मारी है। पुलिस टीम ने डेड बॉडी के पास से एक पर्चा भी बरामद किया है, जिसमें नक्सलियों ने मारे गये युवक पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया है।

मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सलियों (Naxalites) की शिनाख्त आसूचना शाखा की सदस्य विज्जे मरकाम और मलांगिर एरिया कमेटी की सदस्य व आसूचना शाखा की प्रमुख आयते मंडावी के रूप में हुई है।

दरअसल 10 लाख के इनामी नक्सली प्रशांत मांझी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस इन्हें संथाल परगना ले गई थी, जहां इनकी निशानदेही पर गुमला से नक्सली गिरफ्तार हुए।

हेलता गांव के जंगलों में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान एक नक्सली साथी के घर में कई नक्सली खाना खा रहे थे। उसी दौरान पुलिस ने सभी को धर-दबोच लिया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पुलिस और सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से प्रदेश में नक्सलियों का क्षेत्र सिमटता जा रहा है। राज्य से नक्सलवाद (Naxalism) के खात्मे के लिए केंद्र सरकार भी कमर कस चुकी है।

चाईबासा के एसपी अजय लिंडा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारकर पुलिस ने गुदड़ी थाना क्षेत्र के होइलोरा के जंगल से नक्सली मुंडू (Naxali)  को गिरफ्तार किया।

तीन राज्यों ने इन दोनों महिला नक्सलियों (Naxali) पर 14-14 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। जिनकी पहचान सावित्री उर्फ आयते (24), शोभापति उमेश गावड़े  (30) के रूप में हुई है।

समर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxalites) में बामन सोड़ी उर्फ दुर्गेश गंगालूर एरिया कमेटी कंपनी नंबर दो का सदस्य था। दुर्गेश पर आठ लाख रूपए का इनाम था।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से नक्सवाद (Naxalism) को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी पूरी तरह कमर कस चुकी है। इसी को लेकर वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार (K Vijay Kumar) 9 दिसंबर को धुर नक्सल प्रभावित राजनांदगांव पहुंचे।

जोनल कमांडर मनोहर का दस्ता बड़ी नक्सली घटना को अंजाम देने के इरादे से जावाबार के जंगलों में डेरा जमाये हुये था। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई ने नक्सलियों (Naxali) के मंसूबे पर पानी फेर दिया।

झारखंड (Jharkhand) में कमजोर पड़ चुके नक्सली संगठन (Naxali Organization) अब युवाओं को हर महीने 10-12 हजार रुपए की सैलरी का लालच देकर संगठन में शामिल कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलवाद (Naxalism) के खात्मे के लिए जबरदस्त प्लानिंग बन चुकी है। अब प्रदेश के बड़े नक्सली नेता (Naxali Leader) सुरक्षाबलों के निशाने पर हैं।

इस सीरीज के ट्रेलर को देखकर लगता है कि इसमें नक्सलवाद को बहुत गहराई के साथ दिखाया गया है क्योंकि एडवांस हथियार, नक्सल ऑपरेशन और लाल सलाम की कहानी, इसमें सब कुछ है।

सुकमा जिले के ताड़मेटला गांव के करीब बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कोबरा बटालियन का एक अधिकारी शहीद हो गया और 7 जवान घायल हो गए हैं।

अमोनियम नाइट्रेट को नक्सलियों ने पुलिस दल को नुकसान पहुंचाने के लिए रखा था, लेकिन सुरक्षा बलों की सुझबूझ और सतर्कता के कारण नक्सलियों (Naxali) के मंसूबों को विफल करने में सफलता मिली है।

एक गुप्त सूचना के आधार पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 60वीं बटालियन और स्थानीय पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में यह बड़ी कामयाबी हासिल की।

सीआरपीएफ की 172 बटालियन ने इलाके के लोगों की बेरोजगारी को दूर करने के लिए पहल शुरू की है। सीआरपीएफ की इस पहल से ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है।

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