Naxal

चुनावी माहौल के बीच छत्तीसगढ़ के सुकमा में 25 अप्रैल की शाम एक वारंटी नक्सली समेत चार नक्सलियों में एसपी, डीएस मरावी व नक्सल ऑपरेशन एएसपी, शलभ सिन्हा के सामने सरेंडर कर दिया। जिनका नाम वेट्टी मल्ला, सोड़ी लच्छा, मुड़ाम हुर्रा एवं रवा हुंगा है। इनमें से तीन एक-एक लाख रुपए के इनामी नक्सली हैं।

झारखण्ड में नक्सलियों ने 25 अप्रैल रात करीब 12:25 बजे हमला कर भाजपा कार्यालय को बम से उड़ा दिया। घटना झारखण्ड के पलामू जिले के हरिहरगंज बाजार की है। जहां नक्सलियों ने पुराना बस स्टैंड स्थित बीजेपी कार्यालय पर हमला किया और कार्यालय को बम से उड़ा दिया। लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में यह पहली उग्रवादी घटना है।

धुर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के 29 आदिवासी परिवारों की घर वापसी हो रही है। उनके वापस आने की कवायद शुरू हो गई है। सलवा जुड़ूम के दौरान नक्सलियों ने इनके घर जला दिए थे।

पुलिस ने नक्सल ठिकानों से एक एलएमजी, एक एके-47, एक SLR, 3 इंसास, 6 रायफल, 7 वॉकी टॉकी, 3347 राउंड कारतूस, 32 मैगजीन, 10 बंडल कोडेक्स वायर और 20 थान काला सूती कपड़ा सहित अन्य सामान बरामद किए हैं।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। उसकी पहचान कुख्यात माओवादी शंकर उर्फ़ कमलू के रूप में हुई है। सरकार की ओर से उसके सिर पर पांच लाख का ईनाम था।

कभी हक के लिए हथियार उठाने वाले नक्सली अब अपराधियों का संगठित गिरोह बन चुके हैं। ऐसे अपराधी जिनका काम सिर्फ लूट-पाट और हिंसा फैलाना रह गया है। लोकतंत्र में विश्वास है नहीं और विकास से डर लगता है इन्हें।

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण के मतदान के दौरान नक्सलियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया। राज्य के राजनांदगांव जिले में चुनाव में खलल डालने के लिए नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया। इस ब्लास्ट में आईटीबीपी का एक जवान बुरी तरह से घायल हो गया।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने एक पुलिसकर्मी पर हमला कर उसे घायल कर दिया और पुलिस के पास मौजूद राइफल को छीनकर भाग गए। घायल पुलिसकर्मी अपने अन्य साथियों के साथ जिले के मद्देड़ में रामनवमी के मेले में सुरक्षा ड्यूटी पर था। सुरक्षा की दृष्टि से इस मेले में राज्य सरकार ने 40 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा रखी है।घायल पुलिसकर्मी का नाम वेंकट मज्जी बताया जा रहा है।

बस्‍तर लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के दौरान नक्‍सलियों ने चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश की। नक्‍सलियों ने मतदान दल पर ओरछा हेलीपेड के पास फायरिंग की। दल के सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में एक नक्‍सली के मारे जाने की भी खबर है।

दशकों से नक्सली हिंसा का दंश झेलने वाली छत्तीसगढ़ की धरती पर आज भी लोकतंत्र बेहद दृढ़ता से खड़ा है। नक्सली हिंसा का गवाह रहा भारत का यह राज्य लोकतंत्र के इस महापर्व को खूब हर्षोल्लास के साथ मनाता आया है। नक्सलियों के लाख कोशिशों के बावजूद भी यहां के लोगों का भारतीय लोकतंत्र में विश्वास क़ायम है। इनका यही विश्वास नक्सलवाद की हार है।

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मानपुर थाना के महाराष्ट्र सीमा के पास बुकमरका पहाड़ी में 10 अप्रैल को पुलिस ने धावा बोल कर नक्सली शिविर को ध्वस्त कर दिया। काफी देर तक चली फायरिंग के दौरान नक्सलियों ने आइईडी ब्लास्ट भी किए और फिर पुलिस को भारी पड़ता देख मोर्चा छोड़कर वहां से भाग खड़े हुए।

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के लिए होने वाले मतदान से एक दिन पहले 10 अप्रैल को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सीआरपीएफ (CRPF) की पेट्रोलिंग टीम पर नक्सलियों ने हमला किया। विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हमले के अगले ही दिन नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया। नक्सलियों ने गढचिरौली के इट्टापल्ली के गट्टा इलाके में सीआरपीएफ के 191 बटालियन पर आईईडी हमला किया।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 9 अप्रैल को नक्सलियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया। 2019-लोकसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर भाजपा विधायक भीमा मंडावी समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन ग्रीन हंट के दौरान 6 अप्रैल, 2010 को जो हुआ था, उसे कोई कैसे भूल सकता है। इस दिन कई सौ की संख्या में नक्सलियों ने हमला कर सीआरपीएफ के 76 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। इसे अब तक का सबसे बड़ा नक्सली हमला माना जाता है। उसमें 22 साल के जवान निर्वेश कुमार भी थे। इस हमले में वे शहीद हो गए थे। निर्वेश आगरा के चित्रहाट क्षेत्र के नौगंवा के रहने वाले थे।

नक्सली क्षेत्रों में रहने वाले लोग नक्सलियों से बिना खौफ खाए मताधिकार का प्रयोग करने लगभग 30 किलोमीटर पैदल चलकर भी जाते हैं। इनका ये जज़्बा नक्सलवाद और इसके समर्थकों के मुंह पर जोरदार तमाचा है। छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा क्षेत्र में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां के मतदाता 90 किलोमीटर तक का सफर तय कर वोट डालने जाते हैं।

नक्सल संगठनों की दोहरी नीतियों से आजीज आकर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नौ नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्समर्पण कर दिया है। पुलिस के अनुसार, नक्सलियों बंजाम राजा, बंजाम आयता, मडकम सुला, किच्चे गंगा, मडकम मुक्का, बंजाम सोमडू, मडकम भीमा, पोज्जा उर्फ पोदिया और बण्डो केशा ने आत्मसमर्पण कर दिया है।

लोकसभा चुनाव से पहले नक्सली लगातार सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मानपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की होने वाली सभा से ठीक पहले नक्सलियों ने बम धमाके किए।

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