Naxal

छत्तीसगढ़ के कांकेर में 4 अप्रैल को बीएसएफ और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ की जगह और आस-पास के इलाकों से 27 बम बरामद किए गए हैं। इनमें पांच किलोग्राम के 14 प्रेशर कुकर बम, छह तीर बम और पेट्रोल बम शामिल हैं

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में भोपाल के जवान हरीश चंद्र पाल शहीद हो गए थे। वह सीआरपीएफ की 211 वीं बटालियन में हवलदार थे।

नम्रता दक्षिणी बस्तर के गीदम कस्बे की रहने वाली हैं। इस छोटे से कस्बे में जन्मी और पली-बढ़ी नम्रता जैन ने इस बार यूपीएससी की परीक्षा में 12वीं रैंक लाकर बस्तर का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। नम्रता पहले 2016 में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर 99वां रैंक लाई थीं। नम्रता को आईपीएस का कैडर मिला था।

4 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के कांकेर में हुए नक्सली हमले में शहीद होने वाले बीएसएफ के 4 जवानों में झारखंड के धनबाद के लोधना के रहने वाले इशरार खान भी हैं। शहीद मोहम्मद इशरार खान बीएसएफ के 114वीं बटालियन में थे।  उनका परिवार लोधना के साउथ गोलकडीह में रहता है। परिवार में सब उन्हें टिंकू कह कर बुलाते थे।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित धमतरी जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया, जबकि एक अन्य घायल हुआ है।

छत्तीसगढ़ के धमतरी पुलिस ने कुछ नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये नक्सली लोकसभा चुनाव के दौरान जिले में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। पकड़े गए नक्सलियों में पांच लाख रूपए का इनामी नक्सली अजीत मोडियाम और उसका साथी रामसू कुंजाम शामिल है।

छत्तीसगढ़ और झारखंड में आगामी लोकसभा चुनावों में नक्सलियों के हमले की साजिश सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सीएम भूपेश बघेल की सभा से पहले पुलिस ने एक महिला सहित तीन नक्‍सलियों को राजा बंगला इलाके से गिरफ्तार किया है। उधर, झारखंड में भी लोकसभा चुनाव के दौरान पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमले की तैयारी कर रहे नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। लातेहार में नक्सलियों ने विस्फोटक, राइफल, गोली और विस्फोटक बनाने के सामान छिपा कर रखे थे। यह सब सुरक्षा बलों के हाथ लग गया।

बस्तर के कोंडागांव में एक सरेंडर महिला नक्सली ने पुलिस में अपने ही साथी नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। महिला नक्सली अपने दस्ते के साथी नक्सलियों से इतनी परेशान हो गई थी कि उसने आत्मसमर्पण कर दिया।  

नक्सल संगठन द्वारा शोषण से तंग आकर दो महिला नक्सलियों समेत 10 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्समर्पण करने वाले नक्सली अपने संगठन के नेताओं के शोषण एवं प्रताड़ना से तंग आ चुके थे। इसलिए आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया। ये सभी नक्सली सुकमा जिले के कोंटा थाना में बालेंगतोंग गांव के रहने वाले थे।

छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर, जहां के गांवों में वेटनरी डॉक्टर की कोई सुविधा नहीं थी। ग्रामीण अपने पशुओं का उपचार नहीं करा पाते थे। वहां सीआरपीएफ ने लोगों की समस्या का हल निकाल दिया। सीआरपीएफ ने पहली बार गंगालूर इलाके के पामलवाया में पशु चिकित्सा केंद्र की स्थापना की है। यह देश का पहला पशु औषधालय है जिसको सीआरपीएफ ने खोला है।

अब तक पैम्पलेट्स, चिट्ठी और प्रेस रिलीज़ के जरिए संवाद करने वाले नक्सली सोशल मीडिया पर उतर आए हैं। व्हॉट्सऐप (WhatsApp) उनका नया औज़ार बन गया है।

नक्सलियों की काली करतूत एक बार फिर सामने आई है। नक्सलियों ने बिहार के गया जिले में भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व विधान पार्षद के घर को डायनामाइट से उड़ा दिया है। घटना के बाद वहां नक्सलियों ने पर्चे भी छोड़े जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की बात कही गई है।

कमलेश ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, इस उम्मीद के साथ कि प्रशासन ज़रीना को मुझसे मिलवा देगी और हम लोगों की शादी हो जाएगी। हालांकि प्रशासन ने दोनों को मिलाने के लिए पूरी कोशिश की। लेकिन कमलेश के सरेंडर करने के बाद ज़रीना पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने चार नक्सलियों को ढेर कर दिया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के करकनगुड़ा गांव के पास के जंगल में 26 मार्च की सुबह लगभग छह बजे मुठभेड़ हुई, जिसमें चार नक्सली मारे गए।

गिरीडीह जिले के पंकज कुमार दास और पुष्‍पा कुमारी के साथ हुआ था। इन दोनों के बचपन का प्‍यार लगभग तीन वर्ष पूर्व एक मंदिर में शादी के बंधन में बंधकर सम्पन्न हुआ था।

नक्सलियों की करतूत अब आम लोगों और छोटे स्कूली बच्चों के लिए खतरनाक बन चुकी है।

85 स्टूडेंट्स जिन्होंने गढ़चिरौली के इग्नू स्टडी-सेंटर से कोर्स पूरा किया है, वे महाराष्ट्र में किसी न किसी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसके अलावा 68 स्टूडेंट्स ने बैचलर ऑफ सोशल-वर्क में डिग्री कोर्स किया है ताकि वे अपने गांवों में जाकर वहां सामाजिक विकास का काम कर सकें।

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