Naxal

बिहार के नवादा जिले के रजौली के चोरडीहा जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी, जिसमें एक नक्सली मारा गया। मारे गए नक्सली का नाम कारु अधेड़ी बताया जा रहा है। कारु के पास से एक राइफल बरामद हुई।

झारखंड में अपने दहशत के बल पर करोड़ों रुपये की उगाही करने वाले नक्सली अब म्यूचुअल फंड में निवेश कर अपना भविष्य संवारने की कोशिश में लगे हुए हैं। जमीन और फ्लैट में निवेश करने वाले माओवादी नेताओं ने अब म्यूचुअल फंड में भी निवेश करना शुरू कर दिया है।

नक्सल कैडर में 50 फीसदी महिलाएं हैं। वे पितृसत्तात्म समाज की जबरदस्ती थोपी जानेवाली कुरीतियों का विरोध करती हैं। मर्जी के खिलाफ शादी से बचने के लिए वे घर से भाग जाती हैं और माओवादी संगठनों में शामिल हो जाती हैं।

मधि का कहना है कि हम कई महीनों से आत्मसमर्पण करना चाहते थे। लेकिन इसके लिए हमें सही मौके की तलाश थी। हमने अपने साथियों से कहा कि हम कुछ दिनों के लिए गांव जा रहे हैं। चूंकि हम लंबे समय से संगठन से जुड़े हुए थे, इसलिए किसी को भी हम पर शक नहीं हुआ। 

बस्तर की बेटियां इस बदलती दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। जहां एक तरफ अकादमिक क्षेत्र में बुलंदी को छू रही हैं। डॉक्टर, इंजीनियर से साथ आईएएस बन रही हैं तो वहीं खेल एवं सिनेमा जगत में भी अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं।

अभाव भऱी जिंदगी होने के बावजूद गरीब परिवार के ये बच्चे बेहतर खिलाड़ी के रूप में निखर रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के इस गांव के बच्चे मलखंब जैसे साहसिक खेल में महारत हासिल कर रहे हैं।

बिहार के गया में 10 मार्च को आमस कैंप के प्लाटून कमांडर अवधेश कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रखंड क्षेत्र के नक्सल प्रभावित झरी और बघमरवा गांव का दौरा किया।

नक्सलियों के शहरी नेटवर्क की जिम्मेदारी संभालने वाले दंपति नन्दू उर्फ विवेक और उसकी पत्नी सती उर्फ कमला उर्फ कोमल कुमेंटी ने 13 फरवरी को आईजी रतनलाला डांगी के सामने सरेंडर कर दिया था।

सुचित्रा के अनुसार महिलाओं को कभी उनकी ख़ुद की पहचान से नहीं देखा जाता है। महिलाएं युद्ध में दोनों तरफ से पिसती हैं। एक सैनिक के तौर पर भी और एक साधारण औरत के तौर पर भी।

झारखंड के गुमला जिले के कामडारा गांव के समीप शनिवार को कांबिंग के दौरान सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई, जिसमें तीन नक्सलियों को मार गिराया गया।

भरोसा जीतने के लिए आपस में बातचीत जरूरी होती है। गांव को नक्सल-मुक्त कर वहां शांति बहाल करने का जवानों का मकसद बिना गांव वालों के सहयोग के संभव नहीं था। वहां की बोली हल्बी है और जवानों को यह बोली बिल्कुल नहीं आती थी।

छत्तीसगढ़ के बस्तर की हर्बल चाय ने इस वक़्त पूरी दुनिया में धूम मचाया हुआ है।

पुलिस-टीम में अब एक नया उपकरण जुडऩे जा रहा है। जो नक्सलियों के खात्मे के लिए मददगार साबित होगा। इस उपकरण का नाम है माइक्रो अन्मैन्ड एरियल व्हेकिल (यूएवी) है।

वर्दी जैसे उनकी सबसे बड़ी दुश्मन थी। पर उसी वर्दी ने उन्हें नया जीवन दिया है। आज वही वर्दी उनकी जिंदगी संवारने में उनकी मदद कर रही है।

माओवादी दलम के कमांडर दंपति ने अदिलाबाद के निर्मल जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

दूसरी तरफ सरकार की पुनर्वास की योजना भी बहुत काम कर रही है। समर्पण करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसका फायदा दिख रहा है।

केरल पुलिस की विशेष यूनिट थंडरबोल्ट ने एनकाउंटर की घटना को अंजाम दिया है। इस पुलिस एनकाउंटर में माओवादी नेता सीपी जलील मारा गया है।

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