Naxal

नक्सलियों के दिन लद गए हैं और इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस साल पिछले 5 महीने में सुरक्षा बलों ने 18 नक्सलियों को मार गिराया है।

सुरक्षाबलों ने कोयलीबेड़ा के आलपरस के जंगल में हुए मुठभेड़ के बाद आठ लाख रूपए की इनामी महिला नक्सली को गिरफ्तार किया है।

खुद को आदिवासियों का मसीहा बताने वाले नक्सली नहीं चाहते कि स्थानीय लोग समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

आंध्र प्रदेश पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। राज्य के धुर नक्सल प्रभावित पूर्व गोदावरी जिले में पुलिस ने भारी मात्रा में गांजा बरामद किया है।

नक्सली ज्यादातर मासूम गांव वालों पर पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाकर उन पर जुल्म ढाते हैं, उन्हें मारते पीटते हैं, यहां तक कि उनकी हत्या कर देते हैं।

लोगों की जान बचाने के लिए अक्सर अपनी जान जाोखिम में डालना पड़ता है। रास्ते में नक्सलियों का ख़तरा भी रहता है। पर, सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते ये सेवा लगातार जारी है।

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 1 मई को हुए नक्सली हमले में शहीद जवानों की कहानियां दिल को झकझोर देने वाली हैं। इस हमले में 15 पुलिसकर्मी और एक ड्राइवर शहीद हो गए थे। इन्हीं शहीदों में शाहू मदावी और तोमेश्वर सिंघत भी शामिल थे। शाहू मदावी पुलिस के जवान थे जबकि तोमेश्वर सिंघत उस वाहन के ड्राइवर थे जिस पर नक्सलियों ने हमला किया था।

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 1 मई को हुए नक्सली हमले में शहीद 16 जवानों में बीड जिले के तौसिफ शेख भी हैं। तौसिफ ने हमले से कुछ देर पहले ही अपनी मां से फोन पर बात की थी।

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए नक्सली हमले की शुरूआती जांच के बाद बड़ी बात सामने आई है। एंटी नक्सल आपरेशन (एएनओ) के अधिकारियों के अनुसार, इस हमले की साजिश नक्सलियों की ज्वाइंट कमिटी ने रची थी।

यह तीनों जब एक साथ रणभूमि में खड़ी हो जाती हैं तो नक्सलियों के पसीने छूटने लगते हैं। खासकर उस वक्त जब इनके हाथों में बंदूक हो तो वो नक्सलियों के लिए काल बन जाती हैं।

महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली में नक्‍सलियों ने बड़ा हमला किया है। नक्सलियों ने पुलिस वाहन को निशाना बनाकर एक IED ब्‍लास्‍ट किया। इस हमले में 15 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए हैं।

नक्सली संगठनों की स्थिति ठीक नहीं है...संगठन अपने सिद्धांतों से भटक चुके हैं। वे अब कमजोर पड़ चुके हैं। लेवी के पैसों को लेकर संगठन के अंदर ही विवाद है...संगठन में महिलाओं का शोषण किया जाता है।

वह 13 अप्रैल, 2015 को चोलनार कैंप से किरन्दुल आ रहे पुलिस के वाहन पर बम विस्फोट करने और फायरिंग करने की घटना में शामिल थी। इसमें 5 जवान शहीद हुए थे।

संगठन में पहाड़ सिंह ने अपने नाम के मुताबिक ही काम किया। उसने कई संगीन नक्सली वारदातों को अंजाम दिए जिसमें हत्या, लेवी वसूली, अपहरण जैसे घिनौने काम शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तोंगगुड़ा के पास हुए नक्सली हमले में 2 जवान शहीद हो गए । इस हमले में एक ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गया। घायल को फौरन अस्पताल ले जाया गया। पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

27 अप्रैल को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से नक्सलियों एवं पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई। नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस जवानों पर हमला किया था। नक्सलियों ने पुलिस टीम पर बम धमाका किया। इस हमले का जवाब देते हुये पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाला। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दो महिला नक्सलियों मारी गई।

एक गलत फैसले से उसकी पत्नी पुनीता देवी की पूरी जिंदगी ही नर्क बन गई है। पुनीता देवी का कहना है कि बहुत साल पहले वो एक बार कर्म डी के जंगलों में प्रदीप से मिली थीं। उस वक्त भी उन्होंने प्रदीप से कहा था कि वो मुख्यधारा में लौट आए।

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