Jharkhand Naxal

रांची समेत झारखंड के कई जिलों के थानों में इस उग्रवादी पर केस दर्ज थे। यह उग्रवादी एक बार फिर रांची में किसा बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में था। लेकिन इससे पहले की वो अपने मकसद में कामयाब हो पाता वो चढ़ गया पुलिस के हत्थे।

कुख्यात नक्सली महाराज प्रमाणिक के करीबियों को दबोचने के बाद अब ऐसा लग रहा है कि पुलिस नक्सलियों के बड़े राज बेपर्दा करने में कामयाब हो जाएगी।

यहां नक्सली किस कदर बेलगाम थे इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां कभी नक्सली हथियारों की मंडी सजाते थे। बीच सड़क पर चादर या कोई अन्य सामान बिछा कर नक्सली अपने हथियार यहां खुलेआम सजा कर रखते थे।

नक्सलियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले इलाकों में 30 नए पुलिस कैंप खोले जाएंगे। पहले से 22 कैंप हैं। पहले चरण में 780 और दूसरे चरण के लिए 751 गांवों का चयन किया गया है।

झारखंड के लातेहार जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में एक टीपीसी नक्सली को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही पुलिस ने एक बड़े नक्सली कैंप को भी ध्वस्त कर दिया।

झारखंड पुलिस को अगस्त में ही बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और झारखंड पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर 2 कुख्यात नक्सलियों को धर दबोचा है।

झारखंड के रामगढ़ जिले में सड़क निर्माण कंपनी में कार्य कर रहे एक गार्ड को 17 जुलाई की देर रात नक्सलियों ने अपहरण कर लिया। 3 दिन बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

गोली लगने से तीन उग्रवादियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक अन्य उग्रवादी को भी गोली लगी है। जिसे दस्‍ते के सदस्‍य उठाकर अपने साथ घने जंगलों की ओर ले गए। बता दें कि पहली बार लोहरदगा में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटना में जेजेएमपी के नक्सली मारे गए हैं।

इस गांव के स्कूल में आठवीं तक की पढ़ाई होती है। इसके आगे की पढ़ाई के लिए लड़कियों को 17 किमी दूर लातेहार जिला मुख्यालय आना पड़ता है।

झारखंड जिले की चतरा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। रविवार की देर रात यहां पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर विशेष छापेमारी अभियान चलाया। दरअसल पुलिस को इस इलाके में नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी।

जब तक हमारा (नक्सलियों का) आदेश नहीं होगा तब तक पुल निर्माण का काम नहीं होगा। नक्सलियों के इस तुगलकी फरमान से झारखंड के चतरा में काम में लगे मजदूरों और काम करा रही कंस्ट्रक्शन कंपनी के होश उड़ हुए हैं।

नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड में पुलिस बल नक्सलियों का जड़ काटने में जुट गए हैं। इस दिशा में अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने झारखंड के 200 से ज्यादा नक्सलियों पर एक लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक के इनाम घोषित कर दिए हैं।

सखी मंडल से जुड़ने के बाद इन महिलाओं में न केवल निर्भीकता आई है, बल्कि समूह को ये अपनी ताकत भी समझती हैं।

नक्सलियों ने हथियार दिखाकर घरवालों के मोबाइल फोन छीन लिया। साथ ही घर में रखी अलमारी को भी तोड़ दिया और उसमें रखा सामान लूट लिया।

नक्सली विकास के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अमन-चैन और खुशहाली से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। इसी बात को नक्सलियों ने फिर साबित किया है।

शहर में रहकर बड़े नक्सली कमांडर के लिए करते थे मुखबिरी का काम, साथ ही नक्सलियों के लिए वसूलते थे। पुलिस ने तीनों को किया गिरफ्तार।

नक्सलियों को घेरने के लिए सीआरपीएफ 94 बटालियन और राज्य पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से मिलकर सबसे पहले एक टीम बनाई।

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