सच के सिपाही

Army Day: 15 जनवरी (1949) को इंडियन आर्मी पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी। इसी दिन से भारतीय सेना की अपनी अलग पहचान बनी थी।

भारतीय सेना (Indian Army) के पास कई अत्याधुनिक हथियार हैं। सेना जब चाहे इनका इस्तेमाल कर दुश्मन देशों को भस्म कर सकती है। युद्ध में टैंक का बखूबी इस्तेमाल होता है।

Kargil War 1999: सेना के वीर सपूतों ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को पटखनी देकर यह साबित कर दिया था कि भारत मां की तरफ आंख उठाने वालों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा।

भारतीय सेनाएं बीते कुछ समय में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जबरदस्त एक्शन ले चुकी हैं। सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) और एयर स्ट्राइक (Air Strike) तक की गई हैं।

भारतीय नौसेना (Indian Navy) दुनिया के खतरनाक सेनाओं में से एक मानी जाती है। नौसेना के पास कई ऐसे हथियार हैं, जिनका नाम सुनते ही दुश्मन थर-थर कांप उठते हैं। ऐसा ही एक हथियार 'वरुणास्त्र' (Varunastra) भी है।

भारतीय सीमाओं पर ड्रोन (Drone) की भूमिका काफी अहम होती जा रही है। पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर किसी तरह की गतिविधि को इन ड्रोन के जरिए देखा जा सकता है।

भारतीय सेना (Indian Army) दुनिया की सबसे घातक सेनाओं में शुमार है। सेना के जवान भारत मां की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तत्पर रहते हैं। सेना के पास कई घातक हथियार हैं, जो दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकते हैं।

सेना के लिए डबल हम्पल कैमल यानी दो कूबड़ वाले ऊंट  की व्यवस्था की गई है। इनके जरिए भारी भरकम सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।

Indian Army Weapons: टैंक का वजन 48 टन है इस वजह से यह एक हल्का टैंक ही माना जाता है। दिन हो चाहे रात यह हर समय इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारतीय सेना (Indian Army) देश की सीमा की रक्षा के लिए तत्पर रहती है। सेना के जवान हर मोर्चे पर तैनात रहते हैं ताकि हम सुकून की नींद ले सकें। सेना के इस जज्बे को हर नागरिक सलाम करता है।

सीमा पर तैनात हमारे वीर सपूतों को पूरा ख्याल रखा जाता है। जवानों को सरहद पर किसी तरह की कमी न हो इसके लिए कई इंतजाम किए जाते हैं। हमारे जवान सर्दी हो चाहे गर्मी, हर वक्त देश की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं।

बीते कुछ दशकों में पहाड़ पर अपने युद्धाभ्यास को काफी गंभीरता से लिया गया है। सियाचिन इनमें से एक है। यहां जवानों ने तमाम चुनौतियों का सामना किया।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान (Pakistan) को बुरी तरह से हराया गया था। पाकिस्तान को हराने के लिए हमारे वीर सपूतों ने जमकर मेहनत की थी।

हार के बाद सैन्य स्तर पर कई बदलाव हुए। सेना में नीचे से लेकर ऊपर तक व्यापक बदलाव हुए। भारत को समझ आ गया था कि ऐसे संघर्ष के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय वीर सपूतों ने दुश्मन देश पाकिस्तान को माकुल जवाब दिया था।

आतंकियों से लड़ने के साथ सेना को आम लोगों की भी परवाह होती है। उनके दुख-तकलीफों को दूर करने के लिए अगर उन्हें किसी हद तक भी जाना पड़े तो वह परवाह नहीं करते।

भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के तुरंत बाद ही युद्ध लड़ा गया था। अगर ये कहें कि भारत पर पहला युद्ध आजादी के एक साल बाद ही थोप दिया गया था, तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा।

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