सच के सिपाही

युद्ध में सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए पदम देव ठाकुर ने भी हिस्सा लिया था। युद्ध के दिनों को याद करते हुए उन्होंने अपने अनुभव को साझा किया है।

बीएसएफ विशेषकर पश्चिमी सीमा और पूरब में बांग्लादेश सीमा पर काफी एक्टिव है। भारत का एकमात्र सशस्त्र बल है जिसके अपना हवाई, समुद्री विंग और आर्टिलरी विंग है।

शहीद होने के बाद इस जवान की एक डायरी पिता को मिली थी। इस शहीद के पिता ओम प्रकाश शर्मा ने उनकी डायरी के कुछ अंश साझा किए हैं।

प्रयागराज में रहने वाले रिटायर्ड सूबेदार श्याम सुंदर सिंह पटेल ने इस युद्ध से जुड़े अपने अनुभव को साझा किया है। उन्होंने इस युद्ध में हिस्सा लिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे जवानों ने अहम भूमिक निभाई थी। जवानों ने दुश्मनों को हर मोर्चे पर विफल साबित करने के लिए माइनस डिग्री तापमान में कड़ी मेहनत की थी।

कहा जाता है कि कुत्तों से ज्यादा वफादार जानवर कोई नहीं होता। कुत्ते अपनी जान की बाजी लगाकर मालिक की रक्षा करने से पीछे नहीं हटते। कई मौकों पर 'खोजी कुत्ते' (Indian Army Dog Squad) सुरक्षा बलों को कई तरह के भारी जानमाल के नुकसान से बचा चुके हैं।

आजादी के बाद अबतक चार युद्ध के अलावा हमारे सैनिकों ने हर छोटे से लेकर बड़े ऑपरेशनों में हिस्सा लेकर बलिदान दिया है। हम सुकून की नींद सो सकें, इसके लिए हमारे जवान दिन रात सीमा पर तैनात रहते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। युद्ध में एक वक्त ऐसा आया जब पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर कर हार स्वीकार की थी।

ड्रेस पर लगे चिन्ह के जरिए तीनों सेनाओं की झलक देखने को मिलती है। बेल्ट के बकल पर थल सेना, वायु सेना और जल सेना तीनों के चिन्हों का मिश्रण होता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। युद्ध में कैप्टन अमोल कालिया (Captain Amol Kalia) ने बेहद ही शानदार प्रदर्शन किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) की जीत के साथ ही बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में विश्व के नक्शे पर आया था।

सेवानिवृत्त कर्नल पीके सूद ने जंग के मैदान में गोली खाकर देश की रक्षा की थी। सूद ने दिखा दिया था कि वे गोली खा सकते हैं पर भारत का सिर नहीं झुकने दे सकते।

सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था।

Indian Army: दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन में भी हमारे सैनिक दिन रात जुटे रहते हैं। ये वह जगह है जोकि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है।

पाकिस्तानी सेना के 26 हजार जवान वहां पाकिस्तान के जनरल एके नियाजी के नेतृत्व में सरेंडर को तैयार थे। हालांकि इसके बाद यह संख्या 93 हजार के पास हो गई थी।

बंदूकों के जरिए विशेष क्रम की फायरिंग की जाती है जो कि एक शहीद सैनिक के सम्मान और बलिदान को प्रकट करती है। इस सैन्य परंपरा को '21-गन सल्यूट' कहा जाता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त पराक्रम दिखाया था। इस युद्ध में पाकिस्तान (Pakistan) को हराने के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक गुजर गए थे।

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