K-9 Vajra Tank
K-9 Vajra Tank: इन टैंकों का निर्माण एलएंडटी कंपनी द्वारा किया गया है। सेना को फरवरी तक ऐसे 100 टैंक मिल जाएंगे। ये टैंक देश की सरहदों पर तैनात होकर उसे महफूज रखने और जरूरत पड़ने पर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
भारतीय सेना (Indian Army) के पास कई अत्याधुनिक हथियार हैं। सेना जब चाहे इनका इस्तेमाल कर दुश्मन देशों को भस्म कर सकती है। युद्ध में टैंक का बखूबी इस्तेमाल होता है। माना जाता है कि 1965 का युद्ध तो भारत ने अपने बढ़िया टैंकों की मदद से ही जीता था।
युद्ध में टैंकों की अलग ही अहमियत होती है। भारत की तरह ही अन्य देश भी टैंकों में निवेश करना पसंद करते हैं। हाल में भारतीय सेना को सूरत में बना 91वां K-9 वज्र टैंक (K-9 Vajra Tank) मिला है। इस टैंक की एक से बढ़कर एक खासियतें हैं। यह टैंक 104 राउंड फायर करने में सक्षम हैं और साथ ही 50 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है।
इन टैंकों का निर्माण एलएंडटी कंपनी द्वारा किया गया है। सेना को फरवरी तक ऐसे 100 K-9 वज्र टैंक (K-9 Vajra Tank) मिल जाएंगे। ये टैंक हमारे देश की सरहदों पर तैनात होकर उसे महफूज रखने और जरूरत पड़ने पर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
K-9 वज्र टैंक (K-9 Vajra Tank) स्वचालित टैंक हैं और इसमें ऑटोमेटिक कैनल बेज्ड आर्टिलरी सिस्टम लगा है। इस टैंक के जरिए 15 सेकेंड्स के भीतर ही तीन गोले दागे जा सकते हैं। इसके साथ ही यह टैंक चारों दिशाओं में घूम सकते हैं। वहीं, सेना में शामिल ज्यादातर टैंक एक जगह पर स्थिर होकर वार करते हैं।
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इनका इस्तेमाल मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में किया जा सकता है। पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर इसका बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। मालूम हो कि भारतीय सेना के पास शक्तिशाली टी-90 भीष्म टैंक भी है। इस टैंक का नाम सुनते ही दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं। इस टैंक की गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंकों में होती है।
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