Bastar: बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने साल 2020 की पुलिस की उपलब्धियां गिनाईं और पुलिस द्वारा शुरू किए गए नए अभियानों के संबंध में पत्रकारों को जानकारी दी।

Naxalites: फोर्स ने इस साल बस्तर के उन जंगलों में 20 कैंप खोलने का टारगेट बनाया था, जहां पहुंचना बहुत मुश्किल था। हालांकि पुलिस 16 नए कैंप ही खोल पाई।

बस्तर में बीते 4 दशकों से नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। नक्सली स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों को अपने संगठन से जोड़ते हैं और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ खड़ा कर देते हैं।

बस्तर आईजी ने बताया कि लगातार ऐसे मामले और बढ़ेंगे क्योंकि अब जनता नक्सलियों (Naxalites) की सच्चाई जान गई है और नक्सलियों का साथ देने से बच रही है।

सुकमा जिले में 21 मार्च को हुई इस मुठभेड़ के 7 महीने बाद नया खुलासा हुआ है। अब जानकारी सामने आई है कि इस मुठभेड़ में कुल 23 नक्सली (Naxalites) मारे गए थे।

नक्सलियों (Naxalites) ने किडनैपिंग के बाद धारदार हथियारों से रेंजर रथराम पटेल के शरीर पर कई वार किए, जिससे रेंजर की मौके पर ही मौत हो गई।

बीजापुर से 35 किमी दूर स्थित पुसनार और मेटापाल गांव में बीते 2 दिन पहले नक्सली (Naxalites) पहुंचे थे और दोनों गांवों से 26 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया।

पुलिस दिन-रात नक्सलियों (Naxalites) के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए है। रात में पुलिस उनके ठिकानों पर दबिश दे रही है। जवानों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

एएसआई नागैय्या कोरसा 10 दिनों की छुट्टी लेकर रविवार को बाइक से अपने गांव चेरामंगी जा रहे थे। इसी दौरान नक्सलियों (Naxalites) ने उनका अपहरण कर लिया।

बस्तर पुलिस ने इन समस्याओं से निपटने का एक सही तरीका ढूंढ निकाला है। ऐसा तरीका जिससे नक्सलियों का अर्बन नेटवर्क और कथित समाजसेवी संस्थाओं की ये कोशिशें नाकाम हो जाएंगी।

आयता ने भी जिंदगी के करीब 13 से इसी मुगालते में गुजार दिए कि वह अपने समाज और आदिवासियों के हितों की लड़ाई लड़ रहा है। पर, जब असलियत से सामना हुआ तो संगठन में उसका दम घुटने लगा।

दरअसल बीते कुछ समय से बस्तर के स्थानीय नक्सली लगातार लाल आतंक का रास्ता छोड़ रहे हैं और मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। इसी वजह से नक्सलियों का जनाधार गिरता जा रहा है।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 20 साल बाद धुर नक्सल (Naxal) प्रभावित गांव मारजुम में आजादी के बाद पहली बार सुरक्षाबल के जवान, महिला कमांडो और ग्रामीणों ने मिलकर तिरंगा लहराया।

Chhattisgarh: एक नक्सली ने अपने चार अन्य साथियों के साथ शनिवार को सीआरपीएफ डीआईजी और सुकमा एसपी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

'लोन वर्राटू' अभियान से प्रभावित होकर 3 इनामी सहित कुल 16 नक्सलियों (Naxalites) ने दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) दिया है।

दशमी का बड़ा भाई अभी भी नक्सलियों (Naxali) के बहकावे में जंगलों की खाक छान रहा है। दशमी ने अपने बड़े भाई से अपील किया है कि वो भी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए।

दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि भैरमगड एरिया कमेटी में बीते 10 सालों में जितनी भी बड़ी घटनाएं हुई हैं, उसमें भल्ला शामिल था।

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