नक्सलियों ने दी जान से मारने की धमकी तो डरकर शहर आ गईं महिलाएं, मिली ये सौगात

दरअसल बीते कुछ समय से बस्तर के स्थानीय नक्सली लगातार लाल आतंक का रास्ता छोड़ रहे हैं और मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। इसी वजह से नक्सलियों का जनाधार गिरता जा रहा है।

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ग्रामीण, नक्सलियों (Naxalites) से अपनी जान बचाने के लिए अपना गांव, जमीन और घर छोड़कर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। अब पलायन करने वाली महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए और उन्हें रोजगार देने के लिए सरकार ने आम्चो बस्तर कैंटीन की शुरुआत की है।

बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में नक्सली (Naxalites) अपने संगठन को मजबूत करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। वह गांव के सीधे सादे लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए डराने-धमकाने जैसे तमाम हथकंडे अपना रहे हैं।

दरअसल बीते कुछ समय से बस्तर के स्थानीय नक्सली लगातार लाल आतंक का रास्ता छोड़ रहे हैं और मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। इसी वजह से नक्सलियों का जनाधार गिरता जा रहा है।

ऐसे में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए नक्सली, गांव के भोले-भाले आदिवासियों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और साथ नहीं देने पर ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।

ऐसी स्थिति में ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए अपना गांव, जमीन और घर छोड़कर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं।

अब पलायन करने वाली महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए और उन्हें रोजगार देने के लिए सरकार ने आम्चो बस्तर कैंटीन की शुरुआत की है।

दरअसल बस्तर के अंदरूनी क्षेत्र में नक्सलियों ने कई परिवारों को अपने संगठन में जुड़ने की धमकी दी थी और साथ नहीं देने पर सभी को गांव छोड़ने और जान से मारने का फरमान जारी किया था, जिसके बाद ग्रामीण डर की वजह से गांव छोड़कर शहर की ओर पलायन कर गए।

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ग्रामीण अपने परिवार के साथ, अपने गांव को छोड़ जगदलपुर पहुंचे और कलेक्टर व एसपी को अपनी आपबीती सुनाई। ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि अब उनको अपना जीवन चलाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसको देखते हुए कलेक्टर और सरकार ने इन नक्सल पीड़ित महिलाओं के लिए सोचा और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की। इन महिलाओं को सरकार और शासन के द्वारा आमचो बस्तर कैंटीन की सौगात दी गई। इस रोजगार में 10 नक्सल पीड़ित महिलाएं शामिल हैं।

महिलाओं ने बताया कि नक्सली अपने साथ काम करने का दबाव बना रहे थे, जब उन्होंने मना किया तो मौत के घाट उतारने और गांव छोड़ने का फरमान जारी किया। इस डर की वजह से हम शहर पहुंचे और अब सरकार ने हमारे लिए जो कदम उठाया है, हम उसका धन्यवाद देते हैं।

इन महिलाओं ने गांव में अपना घर, खेत सब कुछ छोड़ दिया है और अब जीवन यापन के लिए आमचो बस्तर कैंटीन चला रही हैं। इस कैंटीन में नाश्ता, चाय और अन्य व्यंजन मिलेंगे।

नक्सल पीड़ित महिलाओं को रोजगार मिलने से उनके चेहरे पर खुशी नजर आ रही है और इन महिलाओं ने सरकार और कलेक्टर को धन्यवाद दिया है।

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