दंतेवाड़ा: ‘लोन वर्राटू’ अभियान की बड़ी कामयाबी, 3 इनामी सहित 16 नक्सलियों ने किया सरेंडर

‘लोन वर्राटू’ अभियान से प्रभावित होकर 3 इनामी सहित कुल 16 नक्सलियों (Naxalites) ने दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) दिया है।

Surrender

'लोन वर्राटू' अभियान से प्रभावित होकर 3 इनामी सहित कुल 16 नक्सलियों (Naxalites) ने दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण दिया।

जिले में 2 महीने पहले शुरू किए गए ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक कुल 20 ईनामी सहित 83 नक्सलियों (Naxals) ने आत्मसमर्पण  (Surrender) किया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में चलाए जा रहे ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत दंतेवाड़ा पुलिस (Police) को एक और सफलता मिली है। ‘लोन वर्राटू’ अभियान से प्रभावित होकर 3 इनामी सहित कुल 16 नक्सलियों (Naxalites) ने दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) दिया है।

इस बात की जानकारी देते हुए दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि सभी आत्मसमर्पित नक्सली (Surrendered Naxals) पश्चिमी बस्तर के कामालूर क्षेत्र के रहने वाले हैं।

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सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Surrendered Naxals) में 3 जनमिलिशिया कमांडर भी शामिल हैं। इनके सिर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 -1 लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था। वहीं, अन्य नक्सली जनमिलिशिया सदस्य और सीएनम सदस्य के रूप में संगठन (Naxal Organization) में सक्रिय थे।

ये नक्सली रेलवे ट्रैक को उखाड़ने, जनप्रतिनिधियों की हत्या करने, लूटपाट करने, आगजनी करने, मारपीट करने जैसी कई संगीन वारदातों में शामिल रहे हैं। एसपी अभिषेक पल्लव और CRPF DIG विनय कुमार ने सभी नक्सलियों को 10 -10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देकर मुख्यधारा से जुड़ने पर बधाई दी। 

बता दें कि जिले में 2 महीने पहले शुरू किए गए ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक कुल 20 ईनामी सहित 83 नक्सलियों (Naxals) ने आत्मसमर्पण  किया है। इससे पहले, इस अभियान के तहत कोंडागांव में 4 नक्सलियों ने सरेंडर (Surrender) किया था।

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दरअसल, पिछले महीने कोंडागांव के केशकाल थाना क्षेत्र के माडगांव से दो युवक और दो युवतियों को किसकोडो दलम के नक्सली धमकाकर नक्सल संगठन में शामिल करने के उद्देश्य से ले गए थे। लेकिन ये चारों एक महीने के भीतर ही नक्सलियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त हो गए और समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का फैसला कर लिया। ये चारों अपने गांव माडगांव वापस आ गए और 9 अगस्त को कोंडागांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया

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