War of 1965

हाजी पीर और आस-पास के इलाकों पर कब्जा करते ही पाकिस्तान को यह आभास हो गया था कि वह अब किसी भी कंडीशन में इस युद्ध में नहीं जीत सकता है।

अर्जन सिंह भारतीय वायुसेना के एकमात्र ऐसे अधिकारी रहे जो पांच सितारा रैंक तक पदोन्नत हुए थे। यह पद भारतीय थलसेना के फील्ड मार्शल के बराबर है।

India Pakistan War 1965: पाकिस्तानी जवानों का टारगेट था कि तीन भारतीय हवाई अड्डों हलवारा, आदमपुर और पठानकोट पर रात के अंधेरे में पैराशूट के जरिए उतरा जाए।

India Pakistan War 1965: संधि के बाद पाकिस्तान झेलम, चिनाब और सिंधु नदी का पानी इस्तेमाल कर रहा था लेकिन उसका लालच और भी ज्यादा था।

भारत 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध (War of 1965) में बुरी तरह से हारा था। चीन से युद्ध के तीन साल बाद पाकिस्तान ने भारत को कमजोर समझते हुए बड़ी भूल कर दी थी।

पाकिस्तान और भारत के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War of 1965) लड़ गया था। चीन से 1962 में हार के बाद पाकिस्तान भारत को कमजोर समझ रहा था। पाकिस्तान ने सोचा था कि चीन से मिली करारी हार के बाद भारत कमजोर है।

बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा को लेकर तनाव बना रहता था। पाकिस्तानी सेना अक्सर सीमा लांघकर भारतीय क्षेत्र में घुस आया करती थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए भीषण युद्ध (War of 1965) में भारतीय वीर जवानों के शौर्य और पराक्रम के आज भी चर्चे होते हैं। पाकिस्तानी सेना को हमारे जवानों ने भगा-भगाकर मारा था।

India Pakistan War: जवान का नाम जीवा सिंह था जो अपनी बहादुरी के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी बहादुरी के किस्से आज भी लोग सुनाते हुए देखे जा सकते हैं।

युद्ध की नींव कच्छ के लगभग अनजान और बियाबान इलाके में हुई सीमित मुठभेड़ से रखी गई थी। भारत और पाक के बंटवारे के समय से ही कई मुद्दों पर तनातनी चल रही थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि पाकिस्तान कहता है कि इस युद्ध में उसका पलड़ा भारी रहा था।

सेना में 9 कुमाऊं रेजिमेंट का हिस्सा रहे और 1965 के भारत पाकिस्तान यु़द्ध में शामिल रहे रिटायर्ड जगत सिंह ने इस युद्ध से जुड़े अपने अनुभव को साझा किया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तानी सेना को हमारी सेना ने भगा-भगाकर मारा था। युद्ध में भारत ने जीत हासिल की थी। पाकिस्तान भारत को कमजोर समझ रहा था लेकिन यही भूल उसे भारी पड़ी थी।

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