नदी जल बंटवारे को लेकर भी खफा रहता है पाकिस्तान, 1965 में युद्ध की वजह था ये मुद्दा

India Pakistan War 1965: संधि के बाद पाकिस्तान झेलम, चिनाब और सिंधु नदी का पानी इस्तेमाल कर रहा था लेकिन उसका लालच और भी ज्यादा था।

India Pakistan War 1965

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India Pakistan War 1965: संधि के बाद पाकिस्तान झेलम, चिनाब और सिंधु नदी का पानी इस्तेमाल कर रहा था लेकिन उसका लालच और भी ज्यादा था। वह पानी के मुद्दे पर भारत से टकरा रहा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान को हराकर सेना ने पूरे विश्व को अपनी ताकत दिखा दी थी। पाकिस्तान 1948 में हारा था। यानी यह भारत के खिलाफ उसकी दूसरी हार थी।

1965 के युद्ध (India Pakistan War 1965) की कई मुख्य वजहें थीं, लेकिन एक वजह भारत के विभाजन में नदी जल बंटवारे को लेकर भी थी । लगभग सभी नदियों जैसे सिंधु, चिनाब, सतलुज, ब्यास और रावी का पानी भारत से होकर गुजरता है। वर्ष 1948 में भारत ने इन नदियों के पानी को बंद कर दिया था।

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इसके बाद 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान के बीच हुए सिंधु जल संधि द्वारा इस विवाद का अंत हुआ था। लेकिन पाकिस्तान का पेट कभी नहीं भरता।

संधि के बाद पाकिस्तान झेलम, चिनाब और सिंधु नदी का पानी इस्तेमाल कर रहा था लेकिन उसका लालच और भी ज्यादा था। वह पानी के मुद्दे पर भारत से टकरा रहा था। यह टकराव पांच साल के भीतर यानी 1965 तक आते-आते और बढ़ गया। विवाद इतना बढ़ गया कि युद्ध शुरू हो गया।

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1948 में मिली हार के बाद पाकिस्तान की चाह थी कि वह इस युद्ध में भारत को हराए। भारतीय सेना किसी के सामने झुकना नहीं जानती। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर हड़पने के लिए ऑपरेशन जिब्राल्टर की साजिश रची थी। इस साजिश को नाकाम कर भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर जीत हासिल की। भारत ने पाकिस्तान के सियालकोट, लाहौर और कश्मीर के कुछ उपजाऊ इलाके जीत लिए थे।

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