War of 1965: जब पाक की एक पूरी ब्रिगेड को CRPF ने बुरी तरह से खदेड़ दिया

बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा को लेकर तनाव बना रहता था। पाकिस्तानी सेना अक्सर सीमा लांघकर भारतीय क्षेत्र में घुस आया करती थी।

War of 1965

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War of 1965: दोनों देशों के बीच करीब 15 घंटे तक भीषण लड़ाई (War of 1965) लड़ी गई थी। इसमें सीआरपीएफ (CRPF)  के जवानों ने पाकिस्तानी जवानों को बुरी तरह से खदेड़ दिया था।

बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा को लेकर तनाव बना रहता था। पाकिस्तानी सेना अक्सर सीमा लांघकर भारतीय क्षेत्र में घुस आया करती थी। इस मसले को सुलझाने के लिए यह तय किया गया कि दोनों देशों के केंद्री सर्वेक्षण विभाग मिलकर सीमा की निशानदेगी करें।

साल 1963 तक पंजाब और राजस्थान में सीमा की निशानदेगी कर दी गई थी। मगर गुजरात में सीमा की निशानदेही से पहले ही पाकिस्तानी केंद्रीय सर्वेक्षण विभाग ने इस संयुक्त कार्यवाही से अपने सदस्यता वापस खींच ली थी। 3 मार्च, 1965 को पाकिस्तानी फौज ने कच्छ के रण में हमारी सीमा से करीब 1000 गज दक्षिण में कंजरकोट में एक पोस्ट बना दी और उसे हटाने से मना कर दिया। 15 मार्च, 1965 को पाकिस्तान फौज ने डींग में एक और पोस्ट की स्थापना कर दी।

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पाकिस्तान के आक्रमक इरादों को भांपकर भारत ने उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कंजरकोट से तकरीबन 4600 गज दक्षिण पश्चिम में ‘सरदार पोस्ट’ और डींग से तकरीबन 1000 गज पर ‘टॉक पोस्ट’ की स्थापना की। इन दोनों सीमा चौकियों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की द्वितीय बटालियन की चार कंपनियों को तैनात किया गया था।

9 अप्रैल, 1965 की सुबह 3 बजे पाकिस्तान की 51 ब्रिगेड ने अपने 3500 सैनिकों के साथ रण ऑफ कच्छ की ‘टाक’ और ‘सरदार पोस्ट’ पर हमला किया। उस दिनों इस सीमा पर सीआरपीएफ (CRPF) और गुजरात राज्य पुलिस फोर्स तैनात रहती थी। दोनों देशों के बीच करीब 15 घंटे तक भीषण लड़ाई (War of 1965) लड़ी गई थी। इसमें सीआरपीएफ के जवानों ने पाकिस्तानी जवानों को बुरी तरह से खदेड़ दिया था।

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पकिस्तान ने अपने 34 जवान खोए। उनके 4 जवानों को कैदी भी बना लिया गया। सीआरपीएफ के जवानों ने भी बड़ी कुर्बानी दी। उनके 19 जवान पाकिस्तानियों ने कैद कर लिए। उस दिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की दूसरी बटालियन के जवानों ने पाकिस्तानी सेना को लगभग 12 घंटे तक सीमा पर पैर नहीं रखने दिया।

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