1965 में पाकिस्तान को मिला था बड़ा जख्म, युद्ध में मारे गए थे करीब 4,000 सैनिक

युद्ध की नींव कच्छ के लगभग अनजान और बियाबान इलाके में हुई सीमित मुठभेड़ से रखी गई थी। भारत और पाक के बंटवारे के समय से ही कई मुद्दों पर तनातनी चल रही थी।

War of 1965

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India Pakistan War 1965: हर बार हार का मुंह देखने वाला पाकिस्तान भारतीय सेना (Indian Army) के सामने टिक नहीं पाता। हालांकि, पाकिस्तान कहता आया है कि इस युद्ध में भारत को भी भारी नुकसान हुआ था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए युद्ध (War of 1965) में पाकिस्तान के करीब 4,000 सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तान इतने भारी नुकसान के बावजूद आज तक नहीं सुधरा है। 1965 की जंग के बाद भी पाकिस्तान (Pakistan) ने 1971 की लड़ाई लड़ी और फिर 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा।

हर बार हार का मुंह देखने वाला पाकिस्तान भारतीय सेना (Indian Army) के सामने टिक नहीं पाता। हालांकि, पाकिस्तान कहता आया है कि इस युद्ध में भारत को भी भारी नुकसान हुआ था।

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वह कहता है कि पाकिस्तान ने तब अपने से तीन गुना बड़ी भारतीय फौज को धूल चटा दी थी। लेकिन भारतीय सेना का इतिहास बहादुरी और शौर्य का गवाह रहा है और सेना का शौर्य पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ हमेशा ही देखने को मिलता रहा है।

माना जाता है कि 1965 के युद्ध (की नींव कच्छ के लगभग अनजान और बियाबान इलाके में हुई मुठभेड़ से रखी गई थी। भारत और पाक के बंटवारे के समय से ही कई मुद्दों पर तनातनी चल रही थी जिनमें जम्मू और कश्मीर का मुद्दा सबसे बड़ा था। इसके साथ ही अन्य सीमा विवाद भी युद्ध की प्रमुख वजहों में से एक थी।

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1965 के युद्ध (India Pakistan War 1965) में कच्छ का रण इलाके की अहम भूमिका रही जो कि एक बंजर इलाका है। हालांकि, युद्ध में पाकिस्तान के 4 हजार सैनिकों को मौत के घाट उतारने के अलावा हमारी सेना (Indian Army) ने कई पाकिस्तानी सैनिकों को घायल कर दिया था।

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