UNSC

अमेरिका में हुए 11 सितम्बर के हमलों के 20 साल बाद भी ऐसे नेता हैं जो बिना किसी पछतावे के ओसामा बिन लादेन का, एक शहीद के रूप में बचाव करना जारी रखते हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा कि समूचे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख ‘‘हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं।

भारत ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) को वैश्विक स्तर पर एक ऐसा देश करार दिया गया है जो यूएन द्वारा घोषित आतंकियों (Militants) को राजकीय नीति के तहत खुल कर समर्थन, प्रशिक्षण, वित्त पोषण व हथियार मुहैया करता है।

एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा‚ चाहे वह अफगानिस्तान में हो या भारत के खिलाफ‚ लश्कर–ए–तैयबा और जैश–ए–मोहम्मद जैसे समूह को सहायता प्राप्त है। वे बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने यूएनएससी (United Nations Security Council) में 1 जनवरी, 2021 को दो साल के लिए भारत की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पहली बार यूएन (UN) को संबोधित किया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाई है। साथ ही दुनिया के देशों से आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने की अपील की।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान को एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाने पर फजीहत का सामना करना पड़ा। बंद कमरे में हुई अनौपचारिक बैठक में शामिल सभी देशों ने इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताकर कश्मीर को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि गृहयुद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान में पाकिस्तान के करीब 6,500 आतंकवादी (Terrorists) युद्ध लड़ रहे हैं। इन आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कोविड-19 महामारी पर चर्चा करने के लिए 9 अप्रैल को एक सत्र आयोजित करेगी। सुरक्षा परिषद कोरोना वायरस (Corona Virus) पर पहली बार वार्ता करेगी।

विश्व के अलग-अलग मंचों पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान (Pakistan) का झूठा प्रचार जारी है। उसकी ओर से भारत पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने का सिलसिला जारी है।

यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) के सदस्यों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के विरोध के बाद चीन ने अपने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया है। कश्मीर मुद्दे पर चीन ने UNSC में बंद कमरे में चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा था।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के मुद्दे को लेकर आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बैठक हो सकती है।

एक बार फिर पाकिस्तान की अपील पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल में जम्मू-कश्मीर पर चर्चा होगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की अगुवाई में पाकिस्तान का एक पैनल इस मुद्दे को उठाएगा।

16 अगस्त को हुई बैठक में UNSC ने जहां कश्मीर में सामान्य हालात करने के भारत की कोशिशों की तारीफ की वहीं चीन की तमाम कोशिशों के बावजूद इस बैठक पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हो पाया।

सिर्फ चीन बचा है जो पाकिस्तान की फरियाद सुन रहा है। वह भी इसलिए कि चीन का बहुत कुछ पाकिस्तान में दांव पर लगा है। चीन की मजबूरी बेल्ट रोड इनीशिएटिव (BRO) है, जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान से होकर गुजर रहा है। सड़क निर्माण के इस बड़े प्रोजेक्ट में चीन ने बहुत कुछ झोंक दिया है।

लगता है कि अमेरिका अब आतंकवाद और मसूद अजहर के मामले में चीन से आमने-सामने के टकराव का मन बना चुका है। दरअसल, 27 मार्च को अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिर से एक प्रस्ताव लाया है। जिसमें पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आका अजहर मसूद को प्रतिबंधित करने की बात है।

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