UNSC में भारत ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खोटी, कहा- पड़ोसी मुल्क की ‘सरपरस्ती’ में हैं दाउद जैसे आतंकी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाई है। साथ ही दुनिया के देशों से आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने की अपील की।

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फाइल फोटो।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ‘आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंधों के मुद्दे का हल’ विषय पर चर्चा में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करते हुए इस समस्या से निपटने के पांच रास्ते बताए।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाई है। साथ ही दुनिया के देशों से आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने की अपील की। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि 1993 मुंबई विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता दाउद इब्राहिम और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अन्य आतंकवादी पड़ोसी मुल्क की ‘सरपरस्ती’ में हैं।

इसके अलावा भारत ने भगोड़े कुख्यात अपराधियों और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा उत्पन्न खतरे को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास की बात कही। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ‘आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंधों के मुद्दे का हल’ विषय पर उच्चस्तरीय खुली चर्चा में भारत ने ये बातें कही।

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भारत ने अपने बयान में कहा, “भारत सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित रहा है। हमने दो देशों के बीच संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंधों के दंश को प्रत्यक्ष रूप से झेला है।” भारत ने कहा, “संगठित अपराधी सिंडीकेट, डी-कंपनी, जो सोना और नकली नोटों की तस्करी करता था वह रातों-रात आतंकवादी संगठन में बदल गया और उसने 1993 में मुंबई शहर में सिलसिलेवार विस्फोट कराए। उन हमलों में 250 से ज्यादा मासूमों की जान गई और लाखों-करोड़ों डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ।”

अपने बयान में भारत ने पड़ोसी मुल्क का नाम लिए बगैर कहा, “मुंबई विस्फोटों का सरगना एक पड़ोसी देश की सरपरस्ती में है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, वह जगह हथियारों की तस्करी, मादक पदार्थों के व्यापार और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतकंवादियों तथा आतंकवादी संगठनों का गढ़ है।”

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ‘आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंधों के मुद्दे का हल’ विषय पर चर्चा में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करते हुए इस समस्या से निपटने के पांच रास्ते बताए। भारतीय प्रतिनिधि ने अपने भाषण में कहा कि, हाल के वर्षों में आइएस के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के सकारात्मक परिणाम निकले हैं। इससे पता चलता है कि दुनिया एकसाथ हो तो खूंखार आतंकी संगठनों पर भी लगाम लगाई जा सकती है।

भारत ने इस्लामिक स्टेट के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के सकारात्मक परिणामों का उल्लेख करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इस तरह से की गई कार्रवाई सफल होती है। बयान में भारत ने कहा कि प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों जैसे दाउद और डी-कंपनी, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई से ही मानवता का भला होगा।

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा कि जो भी देश अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करने दे रहा हो उसके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई की व्यवस्था हो। इस बारे में यूएनएससी की तरफ से प्रस्ताव भी पारित हो चुका है कि हर देश को अपनी जमीन पर आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।

इसके अलावा, भारत ने फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) को लेकर कहा कि किस तरह से इसके ढांचे को और मजबूत बनाने की जरूरत है। यहां भी इशारा पाकिस्तान की तरफ था, जो आतंकियों को वित्तीय सुविधा पहुंचाता रहा है। एफएटीएफ ने उसे निगरानी सूची में भी रखा हुआ है।

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एफएटीएफ के अधिकार को बढ़ाने व उसे कार्रवाई करने की ज्यादा शक्ति देने की बात भी भारत ने की है। पांचवी बात भारत ने तकनीकी तौर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने को कही है ताकि आतंकियों व उनके संगठनों के बीच बने नेटवर्क को धवस्त किया जा सके। भारत ने आगाह किया है कि आतंकी संगठनों के तकनीकी नेटवर्क को तोड़ना बहुत जरूरी है।

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