चीन का प्लान हुआ फेल, UNSC में विरोध के बाद वापस लेना पड़ा कश्मीर मुद्दे पर चर्चा वाला प्रस्ताव

यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) के सदस्यों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के विरोध के बाद चीन ने अपने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया है। कश्मीर मुद्दे पर चीन ने UNSC में बंद कमरे में चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा था।

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के विरोध के बाद चीन ने अपने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के विरोध के बाद चीन ने अपने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया है। कश्मीर मुद्दे पर चीन ने UNSC में बंद कमरे में चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा था।

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फाइल फोटो।

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, दिसंबर में UNSC के अध्यक्ष बने अमेरिका ने चीन के समर्थन वाला प्रस्ताव रोकने की अगुवाई की। वहीं, फ्रांस ने कहा कि कश्मीर का मसला भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है। भारत ने इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ‘भारत UNSC का सदस्य नहीं है, इसलिए वह चर्चा में शामिल नहीं है।’ फ्रांस के एक डिप्लोमैटिक सूत्र ने बताया, ‘हमारी पोजिशन बिल्कुल साफ है। कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से ही देखना होगा। हमने हाल में न्यूयॉर्क सहित कई अवसरों पर यह बात कही है।’ UNSCमें इस मुद्दे पर ब्रिटेन ने पहली बार भारत का साथ खुले तौर पर दिया है।

वहीं, UNSC के एक अन्य स्थायी सदस्य रूस ने कहा कि फोरम में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। रूस का कहना था कि अजेंडा में दूसरे अहम वैश्विक मुद्दे होने चाहिए। 15 सदस्यों वाली यूएनएससी में शामिल इंडोनेशिया ने इस बात पर ऐतराज जताया कि लाइन ऑफ कंट्रोल के भारतीय क्षेत्र की ओर सुरक्षा बलों के जमावड़े को चर्चा का आधार क्यों बनाया जा रहा है। इंडोनेशिया ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। एक सूत्र ने बताया कि सीमा के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत के लिए चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत आने वाले हैं और चीन ने इससे पहले दबाव बनाने के लिए कश्मीर का प्रस्ताव बढ़ाया।

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जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत सरकार के निर्णय के बाद जारी किए गए मानचित्र को देखते हुए चीन चर्चा कराना चाहता था। एक अन्य सूत्र के मुताबिक, ‘अवकाश के कारण सुरक्षा परिषद में कामकाज बंद रहने वाला है। साथ ही, भारत की अमेरिका से 2+2 वार्ता 18 दिसंबर से शुरू होने वाली है और विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत के लिए 21 दिसंबर को वांग यी भारत आने वाले हैं। ऐसे में UNSC में बंद कमरे में चर्चा पर जोर देने का मकसद केवल यह था कि सीमा मुद्दे को लेकर भारत पर दबाव बनाया जाए।’

चीन यह दिखाकर भारत पर दबाव बनाना चाहता था कि सिक्योरिटी काउंसिल में भारत-पाकिस्तान अजेंडा और भारत-चीन सीमा मुद्दा है। 21 दिसंबर को विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच वार्ता का पहला दौर है। मामल्लपुरम में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत बढ़ाने का निर्णय किया गया था ताकि लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्थिति साफ की जा सके।

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