UNSC में कश्मीर मुद्दा उठाने पर एक बार फिर हुई पाकिस्तान की फजीहत, जानें मामला

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान को एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाने पर फजीहत का सामना करना पड़ा। बंद कमरे में हुई अनौपचारिक बैठक में शामिल सभी देशों ने इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताकर कश्मीर को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया।

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फाइल फोटो।

बैठक मौजूद लगभग सभी देश इस बात से सहमत दिखे कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है। ऐसे में पाकिस्तान एक बार फिर अपने ऐजेंडे में असफल हो गया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान (Pakistan) को एक बार फिर कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को उठाने पर फजीहत का सामना करना पड़ा। बंद कमरे में हुई अनौपचारिक बैठक में शामिल सभी देशों ने इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताकर कश्मीर को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया। साथ ही UNSC ने कहा कि यह मुद्दा ऐसा नहीं है, जिसपर समय और ध्यान दिया जाए।

बैठक मौजूद लगभग सभी देश इस बात से सहमत दिखे कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है। ऐसे में पाकिस्तान एक बार फिर अपने ऐजेंडे में असफल हो गया। समाचार एजेंसी एएनआइ को एक सूत्र ने जानकारी दी कि परिषद की बैठक में अमेरिका ने मोर्चा संभालते हुए इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं होने देने को लेकर भारत के साथ खड़ा रहा।

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हालांकि, पाकिस्तान ने अपने इस एजेंडे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्य चीन को अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया। बंद कमरे में परिषद के 15 सदस्यों की यह अनौपचारिक बैठक हुई। इस दौरान हुई चर्चा में से कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं लिया गया और ना ही मीडिया में किसी तरह का बयान जारी किया गया।

संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता।” भारतीय राजनयिक ने साथ ही कहा कि सुरक्षा परिषद (UNSC) का हर सदस्य देश भी इस मामले को द्विपक्षीय मानता रहा है, जिसे दोनों देशों को मिलकर सुलझाना चाहिए।

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टीएस त्रिमूर्ति ने पीटीआई से कहा, “पाकिस्तान ने जो दावा किया है उसके विपरीत उसने जम्मू कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा बनाने का प्रयास किया। पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण करना कोई नई बात नहीं है।” त्रिमूर्ति ने साथ ही कहा, “एक झूठ को सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता।”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री के दावे के विपरीत तीन मौकों को छोड़ दें तो भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर पिछले 55 साल में सुरक्षा परिषद की कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है। भारतीय राजनयिक ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा कि सुरक्षा परिषद (UNSC) में खासकर हर देश इस तथ्य को रेखांकित करता है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएगा।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह लगातार इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य वैश्विक पटल पर उठाने की कोशिश करता रहा है। हालांकि, पाकिस्तान को हर बार मुंह की खानी पड़ी है। 

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