बॉर्डर के पास बरामद सुरंग में 150 फीट तक रेंग कर गए सुरक्षाबल, हुआ ये खुलासा

जम्मू-कश्मीर के नगरोटा (Nagrota) में सुरंग (Tunnel) के रास्ते भारत में आतंकियों (Terrorists) की घुसपैठ की कोशिश को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। अब भारतीय सेना (Indian Army) इस मामले में तमाम सबूत जुटाने में लगी हुई है।

Tunnel

भारत-पाक सीमा के पास मिली सुरंग ने पाकिस्तान के सच को एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर कर दिया। जम्मू-कश्मीर के नगरोटा (Nagrota) में सुरंग (Tunnel) के रास्ते भारत में आतंकियों (Terrorists) की घुसपैठ की कोशिश को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। अब भारतीय सेना (Indian Army) इस मामले में तमाम सबूत जुटाने में लगी हुई है।

इस कड़ी में बीएसएफ (BSF) ने उस सुरंग (Tunnel) को ढूंढ निकाला, जिसका इस्तेमाल आतंकी घुसपैठ के लिए करते थे। सुरक्षाबल 200 मीटर लंबी इस सुरंग में 150 फीट तक रेंगते हुए पहुंचे। BSF के मुताबिक, इसी टनल के जरिए नगरोटा में मारे गए सभी आतंकियों ने पाकिस्तान के रास्ते भारत में घुसैपठ की थी। इस सुरंग का एंट्री प्वाइंट सीमा पार पाकिस्तान में है जबकि उस सुरंग का एक्जिट प्वाइंट भारत में है।

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बता दें कि 19 नवंबर को नगरोटा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सुरक्षा बलों ने 4 पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था। जानकारी के मुताबिक, इन आतंकियों ने बड़े हमले की योजना बनाई थी। उनके पास से 1.5 लाख रुपये (भारतीय करेंसी), वायर कटर, चीनी ब्लैक स्टार पिस्तौल, हथगोले, राइफल और विस्फोटक के अलावा नाइट्रोसेल्यूलोज ईंधन तेल बरामद किया गया, जिसका उपयोग 2019 के पुलवामा हमले में भी किया गया था।

मुठभेड़ के बाद से सेना सतर्क हो गई और सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। इसके बाद जम्मू कश्मीर पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर आखिर बीएसएफ (BSF) ने उस सुरंग (Tunnel) को ढूंढ निकाला, जिसका इस्तेमाल आतंकी घुसपैठ के लिए करते थे।

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इस बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने 23 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के सांबा और राजौरी सेक्टर में पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त बढ़ाने का आदेश दिया। सुरक्षाबलों द्वारा गश्त बढ़ाने के पीछे का उद्देश्य उन सुरंगों का पता लगाना है जिनके जरिए जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के चार आतंकी भारत में दाखिल हुए थे।

उन्होंने बताया कि 173 बटालियन के कमांडेंट राठौर ने उन्हें बताया कि जैश के आतंकवादियों के द्वारा इस्तेमाल किए गए सुरंग में सुरक्षाबल के जवान करीब 150 फीट तक रेंगते हुए गए। इस दौरान जवानों को वहां से बिस्किट के पैकेट और अन्य खाद्य सामग्री के रैपर मिले। पैकेट पर लाहौर स्थित कंपनी ‘मास्टर कुजीन कपकेक’ नाम दर्ज है।

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इसके अलावा पैकेट पर निर्माण तिथि मई, 2020 और एक्सपायरी डेट 17 नवंबर, 2020 अंकित है। जानकार लोगों के मुताबिक, निश्चित रूप से सीमा के दूसरी तरफ किसी पाकिस्तानी रेंजर ने इन आतंकियों की मदद की होगी।

फिलहाल, भारतीय खुफिया एजेंसियां जैश के चारों आतंकियों के नाम और ट्रैक खंगालने में जुटी हुई हैं। वहीं, इस मामले की जांच की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि आतंकियों ने 19 नवंबर की रात बाहर निकलने से पहले सुरंग (Tunnel) के अंदर ही छिपे हुए थे।

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खुफिया जानकारी में कहा गया है कि चारों आतंकवादियों को शकरगढ़ कैंप से लॉन्च किया गया और रामगढ़ व हीरानगर सेक्टरों के बीच सांबा जिला के मावा की ओर ले जाया गया। पिक-अप प्वाइंट जटवाल गांव था, जो पाकिस्तान के नगवाल में आता है। हालांकि, 19 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में आतंकियों की नापाक साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया और चारों आतंकियों को मुठभेढ़ में ढेर कर दिया गया।

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