Bihar: औरंगाबाद के नक्सल प्रभावित इलाके में युवाओं के रोजगार के लिए CRPF कर रही ये काम

जब नक्सल प्रभावित इलाके के युवक रोजगार करने लगेंगे तो वे मुख्यधारा से नहीं भटकेंगे। इसको ध्यान में रखकर सीआरपीएफ (CRPF) की ओर से समय- समय पर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में रोजगार से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Naxal Area

सीआरपीएफ की 153वीं बटालियन के नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं एवं युवतियों के बीच सिलाई मशीन का वितरण किया गया।

सीआरपीएफ (CRPF) न सिर्फ नक्सल के खिलाफ अभियान चलाती है बल्कि नक्सल इलाके (Naxal Area) में सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित करवाती है।

बिहार के नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में CRPF ने इलाके के लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। लोगों की मदद के लिए जिले के देव प्रखंड के ढिबरा थाना क्षेत्र के भलुआही सीआरपीएफ कैंप में 22 नवंबर को सीआरपीएफ की 153वीं बटालियन के नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं एवं युवतियों के बीच सिलाई मशीन का वितरण किया गया। इसके साथ ही उन्हें बैग और प्रमाण पत्र भी बांटे गए।

बटालियन के सहायक कमांडेंट सुनील कुमार के मुताबिक, सीआरपीएफ (CRPF) की ओर से नागरिक सहायता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत सिलाई मशीन एवं बैग का वितरण किया गया है।

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सहायक कमांडेंट के अनुसार, सीआरपीएफ न सिर्फ नक्सल के खिलाफ अभियान चलाती है बल्कि नक्सल इलाके (Naxal Area) में सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित करवाती है। नक्सल इलाके के युवक, युवतियों एवं महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाने का काम सीआरपीएफ करती है।

उन्‍होंने आगे कहा कि हुनर से रोजगार मिलेगा और रोजगार से नक्सलवाद (Naxalism) की समस्या का समाधान होगा। जब नक्सल प्रभावित इलाके के युवक रोजगार करने लगेंगे तो वे मुख्यधारा से नहीं भटकेंगे। इसको ध्यान में रखकर सीआरपीएफ की ओर से समय- समय पर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में रोजगार से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके तहत युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसका सकारात्‍मक परिणाम भी देखने को मिलता है।

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उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम के प्रति युवा वर्ग काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। सहायक कमांडेंट ने कहा कि इस जिले में 153वीं बटालियन की ओर से नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत अब तक कई तरह के प्रशिक्षण दिए गए हैं। कई सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। नक्सल इलाके (Naxal Area) के युवक तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार से जुड़ेंगे, तभी उनका विकास होगा। गरीबी दूर होगी और वे समाज की मुख्‍यधारा में खुद को रख पाएंगे।

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