सांकेतिक तस्वीर
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर तीन अलग-अलग जगहों पर संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन (Drones) दिखाई दिये। भारतीय सुरक्षाबलों की ओर से फायरिंग किये जाने के बाद ये गायब हो गए। ये संदिग्ध ड्रोन सांबा जिले के बारी-ब्राह्मण, चिलाद्या और गगवाल इलाकों में गुरुवार रात एक ही समय पर दिखाई दिये। जिन इलाकों में संदिग्ध ड्रोन को मंडराते देखा गया, वे संवेदनशील सुरक्षा संस्थानों वाले क्षेत्र हैं।
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सैन्य अधिकारियों के अनुसार, बारी-ब्राह्मण, चिलाद्या और गगवाल क्षेत्रों में गुरुवार रात करीब 8 बजे संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन (Drones) देखे गए। पहले से ही अलर्ट सुरक्षाबलों ने फौरन मोर्चा संभाल लिया। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने चिलाद्या में सरहद पार लौट रहे संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन पर फायरिंग भी की। वहीं दो अन्य ड्रोन बारी ब्राह्मणा और गगवाल में जम्मू-पठानकोट हाइवे पर संवेदनशील सुरक्षा संस्थानों पर मंडराने के बाद आसमान से गायब हो गए।
जम्मू के सांबा जिले में तीन अलग-अलग जगहों पर एक ही समय में फिर संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन (Drones) देखे गए हैं, जबकि अभी 23 जुलाई को ही पुलिस ने सीमावर्ती कनचक इलाके में 5 किलो IED सामग्री ले जा रहे एक ड्रोन को मार गिराया था। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद इन ड्रोनों के जरिये जम्मू में भीड़-भाड़ वाली जगह पर विस्फोट करना चाहता था।
गौरतलह है कि इससे पहले भारतीय वायुसेना के जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर 27 जून को दो ड्रोन (Drones) से हमला किया गया था, जिसमें भी पाकिस्तान स्थित आतंकियों की भूमिका सामने आई थी। हालांकि सुरक्षाबलों की सतर्कता की वजह से आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में सफल नहीं हो पाए। जांच में पाया गया कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन की छत पर विस्फोट में जिस विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था, उस पर हस्ताक्षर से इसे बनाने में पाकिस्तान के आयुध कारखाने की भूमिका साफ तौर पर सामने आई थी। इस मामले की जांच NIA कर रही है।
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