Drone Attack

सीमा पार लॉन्चिंग पैड्स पर मौजूद विदेशी मूल के आतंकी घातक हथियारों से लैस हैं। उनमें अधिकतर अफगानिस्तान से लौटे हैं, जो पीओके स्थित आईएसआई के ट्रेनिंग सेंटर पर हमले की तैयारी में हैं। 

मुठभेड़ के बाद छानबीन में पता चला कि मारे गये तीनों आतंकी प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे। इनमें से एक पाकिस्तानी नागरिक है जो कि जैश का कुख्यात कमांडर भी है।

आईएसआई (ISI) के बैठक के बाद इस्लामाबाद के एक मरकज में राउफ असगर ने जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-E-Mohammed) के बड़े आतंकी मुफ्ती अजघर खान कश्मीरी और क्वारी जरार के साथ बैठक कर आतंकी हमले की रूपरेखा तैयार की है।

गुप्त सूचना के आधार पर श्रीनगर के चनपोरा इलाके में चलाये गये सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी।

पाकिस्तानी ड्रोन से गिराए गए पैकेट में एक एके असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 30 गोलियां और एक टेलीस्कोप बरामद हुआ है।

जम्मू के बारी-ब्राह्मण, चिलाद्या और गगवाल क्षेत्रों में गुरुवार रात करीब 8 बजे संद‍िग्‍ध पाकिस्तानी ड्रोन (Drones) देखे गए। पहले से ही अलर्ट सुरक्षाबलों ने फौरन मोर्चा संभाल लिया

पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित कुछ तत्व हथियारों‚ गोला–बारूद और नकदी की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने की कोशिश कर‚ जम्मू–कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की मदद कर रहे हैं।

ड्रोन हमले के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर–ए–तैयबा का हाथ बताया गया और अब खुलासा हुआ है कि ड्रोन हमले में इस्तेमाल आईईडी को पाकिस्तान की फैक्टरी में तैयार किया गया था।

सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकियों (Militants) के छिपे होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद सेना की 22 आरआर, एसओजी सोपोर और सीआरपीएफ 179, 177 और 92 बटालियन की एक संयुक्त टीम ने वारपोरा में घर-घर में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया।

सतवारी के एयर फोर्स स्टेशन और पास के ही मशहूर पीर बाबा की दरगाह के ऊपर एक के बाद एक दो ड्रोन (Drone) उड़ते दिखाई दिए। इसने फिर पाक की भारत विरोधी कुत्सित चालों व बदनियति को बेनकाब किया है।

सीमा पर तैनात जवान व अफसर हाई अलर्ट पर हैं। सीमा पार से आने वाले ड्रोन (Drone) को लेकर भी अति सतर्कता बरती जा रही है।

सेना के विश्वसनीय इनपुट के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसके कारण हाइवे से करीब 700 मीटर दूर 30 किलोग्राम आईईडी बरामद किया गया।

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ऐसे ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर की सीमा में छिपे अपने आतंकियों को हथियार पहुंचाने के अलावा ड्रग्स और पैसे पहुंचाने के लिए करता है।

दो जुलाई को भी पाकिस्तान के क्वाडकॉप्टर (Drone) ने अरनिया सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन बीएसएफ के जवानों द्वारा गोली चलाए जाने के बाद वह पीछे हट गया था।

पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर लश्कर–ए–तैयबा‚ जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन अब ड्रोन के जरिए भी बड़े हमलों (Drone Attack) को अंजाम देने की फिराक में हैं।

27 जून को वायु सेना स्टेशन (Air Force Station)  पर किए गए हमले में प्रयुक्त आईडी में ‘निश्चित तौर' पर पाक सेना की विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया गया है।

बडगाम पुलिस ने जिस आतंकी सहयोगी (Terrorist Associates) को गिरफ्तार किया है, वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों का करीबी है। पुलिस ने इस आरोपी के पास से विस्फोटक सहित कई आपत्ति जनक सामग्री जब्त की है। 

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