अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के अंतरिम मेयर के अनुसार, देश के नए तालिबानी सरकार (Taliban) ने शहर की कई महिला कर्मचारियों (Working Women) को घर पर ही रहने का आदेश दिया है और महिलाओं को वही काम करने की इजाजत है जो पुरुष नहीं कर सकते हैं।
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यह फैसला अधिकतर महिला कर्मचारियों (Working Women) को काम पर लौटने से रोकेगा और यह इस बात का एक और संकेत है कि तालिबान सार्वजनिक जीवन में महिलाओं पर पाबंदियां लगाने समेत इस्लाम की कठोर व्याख्या को लागू कर रहा है, जबकि उसने सहिष्णु और समावेशी सरकार का वादा किया था।
गौरतलब है कि 1990 के दशक में शासन के दौरान तालिबान (Taliban) ने लड़कियों और महिलाओं के स्कूल जाने और नौकरी करने पर रोक लगा दी थी।
हाल के दिनों में, नई तालिबान (Taliban) की सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने वाले कई फरमान जारी किए हैं। उसने मिडिल और हाई स्कूल की छात्राओं से कहा कि वे फिलहाल स्कूल नहीं आएं जबकि लड़कों के लिए इस सप्ताह के अंत से स्कूल खोल दिए गए हैं।
यूनिवर्सिटी की छात्राओं को सूचित किया गया है कि लड़के और लड़कियों की क्लास अलग-अलग होंगी और उन्हें सख्त इस्लामी पोशाक संहिता का पालन करना होगा। अमेरिका के समर्थन वाली पिछली सरकार में अधिकतर स्थानों पर यूनिवर्सिटी में सह-शिक्षा थी। लेकिन तालिबान (Taliban) ने पिछले महीने इस सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
तालिबान (Taliban) ने शुक्रवार को महिला कार्य मंत्रालय को बंद कर दिया था और इसकी जगह ‘सदाचार प्रचार व अवगुण रोकथाम’ मंत्रालय स्थापित किया था और उसे इस्लामी कानून लागू करने का जिम्मा दिया गया है।
हालांकि इसके विरोध में रविवार को एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया और उनके हाथों में तख्तियां थी जिनमें सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी की मांग की गई थी। एक तख्ती पर लिखा था, “ जिस समाज में महिलाएं सक्रिय नहीं होती हैं, वह बेजान समाज होता है।”
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