चीन विवाद पर रक्षामंत्री का बड़ा बयान, बोले- ‘जो हमको छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 30 दिसंबर को चीन के साथ विवाद पर बयान दिया। रक्षामंत्री ने कहा कि चीन के साथ बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।

Rajnath Singh

Rajnath Singh

कृषि कानून (Farm Laws) को लेकर लगातार कांग्रेस केंद्र सरकार को घेर रही है। ऐसे में राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पलटवार करते हुए कहा कि वो एक किसान परिवार में पैदा हुए हैं, ऐसे में वो राहुल गांधी से अधिक खेती के बारे में जानते हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 30 दिसंबर को चीन के साथ विवाद पर बयान दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के साथ बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। राजनाथ ने कहा कि गतिरोध को दूर करने के लिए बातचीत का दौर चल रहा था। मिलिट्री लेवल और कूटनीतिक लेवल पर भी बातचीत चल रही थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई है। दोनों देशों के बातचीत अगले राउंड की होगी, लेकिन अभी तक कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई को दिए गए इंटरव्‍यू में उन्होंने कहा, “सैनिक कम नहीं किए जाएंगे। चीन भी इस और बढ़ता नहीं दिख रहा है। बातचीत के जरिए सकरात्‍मक परिणाम निकले, यह हमारी अपेक्षा है।” चीन सीमा पर 50 साल बाद गोली चलने की बात पर सिंह ने कहा, “भारत शांति का पुजारी रहा है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई देश विस्तारवादी है, तो भारत की भूमि की जमीन पर कब्‍जे की कोशिश करता है तो भारत के अंदर वह ताकत है कि किसी भी सूरत में अपनी जमीन को दूसरे देश के हाथ में नहीं जाने देगा। चाहे कोई भी देश हो।”

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सिंह ने कहा, “यह किसी का विचार हो सकता है हम चीन का मुकाबला नहीं कर सकते हैं, लेकिन चीन सीमा पर हमारे सैनिकों ने जो संयम और शौर्य का परिचय दिया है, उस पर हमें नाज है।” राजनाथ ने कहा कि अगर कोई देश विस्तारवाद की नीति अपनाता है, तो भारत के पास उतनी ताकत है कि वो उसे अपनी जमीन में रुकने से रोक सके।

राजनाथ (Rajnath Singh) बोले कि भारत-चीन में लंबे वक्त से सीमा को लेकर विवाद है, ऐसे में अच्छा होता ये पहले ही खत्म होते। अगर ये खत्म हो गया होता, तो आज की स्थिति नहीं होती। चीन सीमा की अपनी ओर लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है, लेकिन भारत भी अपनी सेना और नागरिकों के लिए काम कर रहा है। हम किसी पर आक्रमण करने के लिए नहीं बल्कि अपनी सुविधा के लिए ऐसा कर रहे हैं।

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सिंह ने इस बात से इनकार किया कि सेना पर नई दिल्‍ली से किसी तरह का दबाव है। उन्‍होंने कहा, “हमें सेना के ऊपर विश्वास है। हमारी सेना जहां संयम की जरूरत होती है, वहां संयम का परिचय देती है, जहां शौर्य दिखाना होता है, वह शौर्य दिखाती है। सेना के हाथ बंधे हुए नहीं हैं। जिस शौर्य और संयम का परिचय इस बार सेना ने दिया है, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम होगी। हमारी सेना देशवासियों का मस्तक नहीं झुकने देगी।”

सिं‍ह ने 2020 में सीमा पर हुए घटनाक्रम पर कहा, “हमारी नजर चिड़िया की आंख पर है। जो हमको छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। चाहे जो भी हो। हमारी कोशिश यही होती है कि हम सभी के साथ अपने रिश्‍ते बनाकर रखें।” टू फ्रंट वॉर के सवाल पर उन्‍होंने कहा, “पाकिस्तान नापाक हरकतें करता रहा है। महीनों में ही कई सौ बार सीजफायर तोड़ता है तो मुंहतोड जवाब मिलता है। सेना के जवानों ने दिखाया है कि इस बार से ही नहीं, उस पार जाकर भी आतंकी ठिकाने तबाह कर सकते हैं, यह सिद्ध कर दिया है।”

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कृषि कानून (Farm Laws) को लेकर लगातार कांग्रेस केंद्र सरकार को घेर रही है। ऐसे में राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पलटवार करते हुए कहा कि वो एक किसान परिवार में पैदा हुए हैं, ऐसे में वो राहुल गांधी से अधिक खेती के बारे में जानते हैं। कृषि कानूनों को किसानों की भलाई के लिए लाया गया है। सिंह ने कहा कि कुछ ताकतों ने किसानों के बीच भ्रांतियां फैलाने की कोशिश की। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने कई किसानों से बात की है।

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उन्‍होंने किसानों का ‘नक्‍सल’ और ‘खालिस्‍तानी’ कहे जाने पर कहा कि “ऐसे आरोप किसी की तरफ से किसानों पर नहीं लगाए जाने चाहिए। हमारा सिर किसानों के सम्‍मान में झुकता है। वे हमारे ‘अन्‍नदाता’ हैं।” राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के साथ कृषि कानून के हर मसले पर चर्चा करने को तैयार है, नए कानून किसानों की भलाई के लिए हैं। अगर किसी को कोई दिक्कत है तो सरकार चर्चा को तैयार है।

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