भारत में ड्रोन से हथियार पहुंचा रहा था पाकिस्तान, सुरक्षाबलों ने नाकाम किए मंसूबे

पाकिस्तान (Pakistan) जहां एक तरफ ड्रोन से गोला बारूद और हथियार भारतीय क्षेत्र में फेंक रहा है तो दूसरी ओर वह जमीन के माध्यम से राजोरी-पुंछ के एलओसी (LoC) से सटे इलाकों में ओवर ग्राउंड वर्कर का प्रयोग कर हेरोइन जैसे मादक पदार्थ राजोरी-पुंछ में भेज रहा है।

Pakistan

गिरफ्तार आतंकी।

नारकोटिक्स और हथियारों की तस्करी से पाकिस्तान (Pakistan) राजोरी-पुंछ और अन्य क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने की फिराक में है।

पाकिस्तान (Pakistan) जहां एक तरफ ड्रोन से गोला बारूद और हथियार भारतीय क्षेत्र में फेंक रहा है तो दूसरी ओर वह जमीन के माध्यम से राजोरी-पुंछ के एलओसी (LoC) से सटे इलाकों में ओवर ग्राउंड वर्कर का प्रयोग कर हेरोइन जैसे मादक पदार्थ राजोरी-पुंछ में भेज रहा है।

बता दें कि 18 सितंबर की शाम को फिर से मनियारी गांव के लोगों ने आसमान में पाकिस्तानी ड्रोन उड़ता देखा। कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया है। बीएसएफ (BSF) के फायरिंग करने पर ड्रोन सरहद पार लौट गया। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान भी चलाया। जानकारी के अनुसार, शाम करीब पौने सात बजे यह ड्रोन गांव के ओवरहेड टैंक के नजदीक उड़ता देखा गया।

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इसकी जानकारी सीमा सुरक्षा बल और पुलिस को दी गई। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने इस पर तीन से चार राउंड फायर भी किए। इसके बाद ड्रोन लौट गया। करीब 10 मिनट तक यह ड्रोन इलाके में उड़ता रहा। 17 सितंबर की शाम को भी इसी इलाके में स्थानीय सरपंच ने ड्रोन को देखा था, जिसकी जानकारी पुलिस को भी दी गई थी।

बॉर्डर डीएसपी सचित महाजन ने बताया कि ड्रोन काफी ऊंचाई पर उड़ रहा था, इसलिए सिर्फ इसकी लाइट ही दिखाई दे रही थी। पिछले तीन दिनों में दो बार ड्रोन देखे जाने की सूचना मिली है। इसके चलते सीमा पर पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है।

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बता दें कि 18 सितंबर को ही पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से ड्रोन के जरिए फेंकी गई हथियारों की खेप लेने आए लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के तीन आतंकियों को शहर से सटे गुर्दन बाला क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। यह हथियार कुछ दिन पहले सीमा पार से ड्रोन के जरिये फेंके गए थे। पकड़े गए तीनों आतंकी दक्षिणी कश्मीर के हैं। यह खुलासा जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने किया।

 डीजीपी और आईजीपी मुकेश सिंह ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि उक्त क्षेत्र में कुछ लोग संदिग्ध गतिविधि के इरादे से घूम रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस और सेना की 38 आरआर ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान तीन लोग सेना और पुलिस के सामने आए। सुरक्षाबलों को देखते हुए ही तीनों में से एक ने अपने बैग से ग्रेनेड निकालकर सुरक्षाबलों की पार्टी पर फेंका, लेकिन ग्रेनेड फटा नहीं। 

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डीजीपी ने बताया कि इसी बीच सेना और पुलिस के जवानों ने तीनों को दबोच लिया। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार गोला-बारूद और नकदी बरामद हुई। पकड़े गए आतंकियों की पहचान पुलवामा के रहने वाले राहिल बशीर, आमिर खान उर्फ हमजा और शोपियां के हाफिज यूनिस वानी के रूप में हुई है।

आतंकियों के पास से सुरक्षाबलों ने दो एके 56 राइफल,  एके -56 की 6 मैगजीन, 180 गोलियां, दो चाइनीज पिस्टल, तीन पिस्टल मैगजीन, पिस्टल की 30 गोलियां,  चार हैंड ग्रेनेड, दो पाउच  और एक लाख रुपये बरामद किए हैं। डीजीपी के अनुसार, जो हथियार आतंकियों से पकड़े गए हैं वो ड्रोन से नियंत्रण रेखा के पार से पाकिस्तान ने भेजे थे।

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पकड़े गए आतंकी उन हथियारों को लेकर कश्मीर घाटी जाने वाले थे या राजोरी में कहीं सेना या पुलिस पर हमला करने की फिराक में थे। यह सब जांच के दौरान ही सामने आएगा। डीजीपी ने बताया कि पाकिस्तान लगातार राजोरी-पुंछ और जम्मू-कश्मीर के अन्य इलाकों में हालात खराब करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सेना और पुलिस के सतर्क जवान कभी भी पाकिस्तान को कामयाब नहीं होने देंगे।

डीजीपी के मुताबिक, पकड़े गए तीनों आतंकी लश्कर के हैं। पूछताछ में पूरी साजिश का पता लगाया जा रहा है। गुर्दन बाला क्षेत्र में 19 सितंबर को लश्कर के जिन तीन आतंकियों को सेना और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में दबोचा है, उनका मकसद राजोरी स्थित सेना के डिव हेडक्वार्टर पर हमला करना माना जा रहा है।

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सैन्य व खुफिया एजेंसी के सूत्रों के अनुसार पकड़े गए आतंकियों के पास से जो हथियार व गोला-बारूद बरामद हुआ है उसे वे कश्मीर घाटी नहीं ले जाना चाहते थे, बल्कि राजोरी में ही वारदात करने की फिराक में थे। सूत्रों के अनुसार, जिस स्थान से सेना व पुलिस ने आतंकियों को पकड़ा है वहां से पैदल पहाड़ी के रास्ते से सेना के राजोरी स्थित 25 इन्फेंट्री डिव हेडक्वार्टर में पहुंचा जा सकता है।

राजोरी से हथियार लेकर कश्मीर घाटी जाना आसान नहीं है। सूत्रों के अनुसार पकड़े गए तीनों आतंकी राजोरी में या तो सेना या किसी अन्य ठिकाने पर हमला करके खून खराबा करना चाहते थे। पुलिस व सेना पकड़े गए तीनों आतंकियों से कड़ी पूछताछ कर राजोरी में उनके ओवर ग्राउंड वर्कर और स्लीपर सेल के बारे में पता लगाने में जुटी है।

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बता दें कि नारकोटिक्स की तस्करी से पाकिस्तान (Pakistan) राजोरी-पुंछ और अन्य क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने की फिराक में है। आईजी जम्मू मुकेश सिंह ने 19 सितंबर को राजोरी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजोरी में सात किलोग्राम हेरोइन का पकड़ा जाना दर्शाता है कि पाकिस्तान राजोरी-पुंछ में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने के लिए नशा तस्करी का हथकंडा अपना रहा है।

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आईजीपी ने बताया कि पकड़े गए तस्कर से पूछताछ के दौरान पुलिस ने कश्मीर घाटी के कुलगाम से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके बाद पुंछ से तीन लोगों को गिरफ्तार करके 4 किलोग्राम और हेरोइन भी पकड़ी है। कुल मिलाकर राजोरी-पुंछ से पकड़ी गई हेरोइन की कीमत करीब 11 करोड़ रुपये है। आईजीपी ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) नशा तस्करी को आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग कर रहा है। 

 

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