भारत ने दिखाई रणनीतिक और कूटनीतिक सूझ-बूझ, करीब एक साल बाद चीन से LAC पर हुआ समझौता

पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील (Pangong) के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को इसकी जानकारी राज्यसभा में दी।

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फाइल फोटो।

परिस्थिति को देखते हुए LAC पर बड़ी संख्या में आधुनिक हथियारों और टैंकों की तैनाती कर दी गई। राफेल, तेजस, चिनूक और अपाचे जैसे फाइटर जेट्स और चॉपर्स सीमा की पहरेदारी पर लग गए।

लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीनी सेना के बीच जारी गतिरोध में बड़ी कामयाबी मिली है। पैंगॉन्ग लेक इलाके में डिस्इंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यहां पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील (Pangong) के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को इसकी जानकारी राज्यसभा में दी।

बता दें कि पिछले साल अप्रैल में शुरू हुए इस विवाद के पूरे कार्यकाल में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर काफी तनाव बना रहा। दोनों ओर से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती हुई। यहां तक कि दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक झड़प भी हो गई। काफी कोशिशों के बाद आखिरकार भारत और चीन इस बात पर सहमत हुए हैं कि सीमा पर तनाव को खत्म किया जाए।

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चीन के साथ सीमा पर पैदा हुई चुनौती से निपटने के लिए भारत ने रणनीतिक और कूटनीतिक दोनों ही मोर्चों पर काम किया। बीते साल अप्रैल में चीन ने जब भारत को आंख दिखानी चाही तो वहां भारी संख्या में भारतीय सेनाओं की तैनाती कर दी गई। इसके साथ ही भारत इस दौरान चीन की चालबाजियों को लेकर काफी सतर्क भी रहा। थल सेना के साथ-साथ वायुसेना ने भी मोर्चा संभाल रखा था।

इतना ही नहीं, परिस्थिति को देखते हुए LAC पर बड़ी संख्या में आधुनिक हथियारों और टैंकों की तैनाती कर दी गई। राफेल, तेजस, चिनूक और अपाचे जैसे फाइटर जेट्स और चॉपर्स सीमा की पहरेदारी पर लग गए।

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इसके साथ ही सरकार की ओर से प्रभावी कूटनीतिक कदम उठाए गए। सेना को पूरी छूट दी गई और सैन्य स्तर पर ही समस्या के सामाधान पर जोर दिया गया। हालांकि, जब सैन्य स्तर पर बात नहीं बनी तब एनएसए अजीत डोभाल सहित विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने स्तर से मोर्चा संभाला। कई दौर की बातचीत के बाद भी चीन पीछे हटने को राजी नहीं था।

इस बीच भारतीय सेनाओं ने काफी सूझ-बूझ से काम लिया। सेनाओं ने LAC पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया। भारतीय सेना ने मागर हिल, गुरुंग हिल, रेजांग ला राचाना ला, मोखपारी और फिंगर 4 रिज लाइन की कई पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया। जिससे चीन की स्थिति कमजोर हुई।

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इसके अलावा, भारत ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान चीन के प्रति काफी सख्त रवैया रखा। सरकार की ओर से कई चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया गया और चीनी कंपनियों के कई बड़े प्रोजेक्ट्स छिन गए। भारत की ओर से वैश्विक स्तर पर चीन के ऊपर कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की गई। जिसका नतीजा हुआ कि आखिरकार चीन पीछे हटने पर सहमत हो गया।

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