राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह- पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर चीन के साथ हुआ समझौता, सेनाएं हटेंगी पीछे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 11 फरवरी को संसद (Parliament) के बजट सत्र (Budget Session) के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha) में चीन से जारी गतिरोध पर बयान दिया।

Rajnath Singh

राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि भारत ने स्पष्ट किया है कि एलएसी में बदलाव न हो और दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी जगह पहुंच जाएं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 11 फरवरी को संसद (Parliament) के बजट सत्र (Budget Session) के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha) में चीन से जारी गतिरोध पर बयान दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले साल से जारी गतिरोध के बीच चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई वार्ताएं हुईं, मगर अब तक कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है।

हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने संसद में कहा कि बातचीत के दौरान भारत ने चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए तीन सिद्धांतों को सुझाया है। राज्यसभा में राजनाथ ने सदन को जानकारी दी कि इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है। दोनों पक्ष पूर्ण डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमत हैं।

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राजनाथ (Rajnath Singh) ने कहा, “पूर्वी लद्दाख में LAC के पास कई अंश क्षेत्र बने हैं। चीन ने एलएसी और पास के इलाके में अपनी तरफ से भारी बल और हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया है। हमारे बलों ने भी पर्याप्त और प्रभावी ढंग से काउंटर पर तैनाती की है।”

राजनाथ ने कहा कि पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है और सेनाएं पीछे हटेंगी। उन्होंने आगे कहा कि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है। कल से सीमा पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद बाकी मुद्दों के हल के बातचीत चल रही है। समझौते के 48 घंटे के भीतर दोनों देश के कमांडर मिलेंगे।

उन्होंने कहा, “हम पैंगोंग झील के उत्तर-दक्षिण किनारे पर बातचीत शुरू कर चुके हैं। एलएसी पर तैनाती के कुछ मुद्दों को अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि जल्द से जल्द पूरी डिसएंगेजमेंट हो जाएगी।”

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रक्षा मंत्री ने कहा, “राजनाथ सिंह ने कहा कि हम तीन सिद्धांतों के आधार पर सीमा विवाद का समाधान चाहते हैं। पहला, दोनों पक्षों द्वारा एलएसी को माना जाए और उसका आदर किया जाए, दूसरा, किसी भी पक्ष द्वारा एकतरफा स्थिति को बदलने का प्रयास न किया जाए और तीसरा, सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए।”

राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि भारत ने स्पष्ट किया है कि एलएसी में बदलाव न हो और दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी जगह पहुंच जाएं। हम अपनी एक इंच जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे।

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10 महीने से जारी गतिरोध को लेकर राज्यसभा में राजनाथ ने कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है दोनों देशों के प्रयास से ही द्विपक्षीय संबंध सुधर सकते हैं। LAC पर किसी भी तरह की शांति और स्थिरता में प्रतिकूल स्थिति का हमारे रिश्तों पर भी असर पड़ता है।

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि एलएसी के सभी सेक्शन प्वाइंट्स पर डिसएंगेजमेंट होनी चाहिए ताकि शांति और स्थिरता दोबारा कायम हो सके।लद्दाख की ग्राउंड सिचुएशन से अवगत कराते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने अवैध तरीके से लद्दाख के अंदर हमारे 1962 से ही 38 हजार वर्ग किलो मीटर पर कब्जा बना रखा है।

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इसके अलावा, पाकिस्तान ने अवैध तरीके से पाक अधिकृत कश्मीर में भारत की लगभग 5,180 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे दिया है। इस प्रकार 43 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भारत की भूमिक पर अवैध तरीके से कब्जा है। भारत ने इन सभी दावों और अनधिकृत कब्जों को कभी स्वीकार नहीं किया है।

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भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों के प्रयास से विकसित हो सकते हैं। साथ ही सीमा के मुद्दों को भी बातचीत के जरिए ही हल किया जा सकता है। पिछले साल चीन के द्वारा उठाए गए एकतरफा कदमों की वजह से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हुए हैं।

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