Jammu Kashmir: सीमा पार से आतंक को बढ़ावा देने की फिराक में Pak, बीते साल 12 बार हुई पाकिस्तानी ड्रोन की घुसपैठ

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान से आतंकवाद (Terrorism) की जड़ें लागातार कमजोर हो रही हैं। भारतीय जवानों की कार्रवाई से उनकी हलात पस्त है।

Terrorists

सांकेतिक तस्वीर

कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी के कारण आतंकियों (Terrorists) की घुसपैठ करवाना काफी मुश्किल होता है। इसलिए आतंकी जम्मू के मैदानी इलाकों में धुंध की आड़ में नदी-नालों के जरिए या फिर ड्रोन के जरिए हथियार भेजते हैं।

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान से आतंकवाद (Terrorism) की जड़ें लागातार कमजोर हो रही हैं। भारतीय जवानों की कार्रवाई से उनकी हलात पस्त है। अपनी साख को कमजोर पड़ता देख आतंकी संगठन (Terrorist Organizations) बौखलाए हुए हैं। उनकी बौखलाहट आए दिन सामने आ रही है। आतंकी (Terrorists) गणतंत्र दिवस के दौरान किसी नापाक मंसूबे को अंजाम देने की फिराक में भी हैं।

बीते 18 जनवरी को ही रामबन जिले के बटोत में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के ओवर ग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) ने पूछताछ में बताया है कि वह पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा गिराए हथियारों को आतंकियों (Terrorists) तक पहुंचाते थे। यह बात सामने आने के बाद सुरक्षाबलों ने 19 जनवरी को सांबा जिले के सदोह इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तलाशी अभियान चलाया।

Martyrs’ Day: 2 मिनट के लिए पूरा देश रखेगा मौन, गृह मंत्रालय ने जारी किया ये आदेश

बीएसएफ (BSF) ने भी कठुआ, सांबा व जम्मू जिले में सीमा से सटे इलाकों को खंगाल कर दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने की मुहिम पर है। इस मुहिम में पुलिस भी पूरा सहयोग दे रही है। एहतियात के तौर पर सुरक्षाबल सीमावर्ती इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं।

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा है कि आतंकवादी गणतंत्र दिवस पर कोई वारदात करने की ताक में हैं। पुलिस सुरक्षा चुनौतियों को लेकर गंभीर है। ऐसे में सुरक्षाबलों व सुरक्षा एजेंसियों से बेहतर समन्वय बनाकर सुनिश्चित किया जा रहा है कि देशविरोधी तत्वों के सभी मंसूबों को नाकाम बनाया जाए।

Mil Rail: भारतीय रेलवे की आर्मी विंग जो मुश्किल हालातों में भी करती है सेना की मदद

बता दें कि बीते कुछ महीनों में आतंकियों की बड़ी साजिशों का पर्दाफाश हुआ है। सीमा पार से आतंकी कभी ड्रोन के जरिये हथियार गिराते हैं, तो कभी सुरंग खोदकर घुसपैठ की साजिश रचते हैं। उनकी इन नापाक साजिशों को भारतीय सुरक्षाबल भी अच्छी तरह समझ गए हैं। इसलिए सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसी रणनीति बनाई है, जिसके आगे आतंकियों की सारी प्लानिंग फेल हो रही है।

गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी के कारण आतंकियों (Terrorists) की घुसपैठ करवाना काफी मुश्किल होता है। इसलिए आतंकी जम्मू के मैदानी इलाकों में धुंध की आड़ में नदी-नालों के जरिए या फिर ड्रोन के जरिए हथियार भेजते हैं। बीते साल अगस्त में जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया में ड्रोन के जरिए फेंकी गई करीब 16 किलो हेरोइन और कुछ हथियारों को पुलिस ने बरामद किया था।

ये भी देखें-

जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने सुरंग खोदने की आठ वारदातें की हैं। इसके साथ ही साल 2020 से अब तक करीब 12 बार पाकिस्तानी ड्रोन की घुसपैठ हुई है। ऐसे हालात में आतंकियों (Terrorists) तथा उनके मददगारों की धरपकड़ के लिए सेना और सुरक्षाबलों ने सीमाई इलाकों को खंगालने के लिए बड़े पैमाने पर मुहिम छेड़ रखी है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें