नक्सलवाद का सच

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) कर दिया है।

छत्तीसगढ़ में एक नक्सली (Naxalite) बेटे ने मदर्स डे पर अपनी मां को जो तोहफा दिया, उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।

बच्चों के स्कूल बंद हैं। ऐसे में जो बच्चे स्कूल बंद होने की वजह से अपने घर वापस लौटे हैं, नक्सली (Naxalites) उन्हें अपने संगठन में भर्ती कर रहे हैं।

18 फरवरी 2021 को आमाबेड़ा में सीपीआई माओवादी कार्यकर्ता DVCM सोमजी IED प्लांट कर रहा था। इसी दौरान वह खुद के द्वारा लगाई जा रही आईईडी की चपेट में आ गया और मारा गया।

एसपी पल्लव ने बताया कि एक अन्य घटना में जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली कोसा वारसे (25) को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

आईजी ने बताया कि नक्सली (Naxalites) दम भरते हैं कि उन्हें लोकल जनता का साथ मिला है, लेकिन अगर ऐसा है तो नक्सली क्यों आदिवासियों की हत्याएं कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा बॉर्डर के पास 3 अप्रैल 2021 को हुए नक्सली (Naxalites) हमले में 22 जवान शहीद हुए थे। ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

Naxalites: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान जारी है। बस्तर में बड़े पैमाने पर नक्सल अभियान चलाए जा रहे हैं।

हम आपको बताएंगे कि किस तरह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में माओवादियों (Maoists) के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। माओवादियों से संबंधित अपराधों में भारी कमी आई है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, छत्तीसगढ़ और झारखंड, माओवादियों (Maoists) को रोकने के लिए अभी भी लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

भारत की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखना कोई आसान काम नहीं हैं। तेर्रम के जंगलों में हुई नक्सली मुठभेड़ में CRPF, DRG और STF के 22 जवान शहीद हो गए।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले (Naxal Attack) में हमारे 22 जनाव शहीद हो गए और 31 जवान घायल हो गए थे। इसके अलावा, नक्सलियों (Naxalites) ने इस दौरान CRPF के एक जवान को अगवा कर लिया था।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)  के बीजापुर में 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले (Naxal Attack) में 22 जवान शहीद हो गए। इस हमले ने पूरे देश को दहला कर रख दिया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर में 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले (Bijapur Naxal Attack) को अंजाम देने के पीछे 25 लाख के इनामी कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा (Hidma) का हाथ बताया जा रहा है।

25 लाख के कुख्यात नक्सली (Naxalites) हिडमा को पकड़ने के लिए जवान उसकी मांद में घुस गए थे। हिडमा सुकमा जिले के गांव से नक्सली गतिविधियों को अंजाम देता है।

इस नक्सली घटना के पीछे के मास्टरमाइंड का नाम है माड़वी हिडमा (Madavi Hidma)। ये नक्सली 25 लाख का इनामी है और कई राज्यों में पुलिस के लिए मोस्टवांटेड है।

तीनों नक्सलियों (Naxalites) ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सरेंडर किया। इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश खिलारी और बीएसएफ के अधिकारी मौजूद रहे।

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