सांकेतिक तस्वीर
मिली जानकारी के मुताबिक, इन बच्चों की संख्या करीब 700 है। जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं। खबर है कि नक्सलियों (Naxalites) ने अबूझमाड़ में एक ट्रेनिंग कैंप भी बनाया था, जिसमें कई युवाओं को ट्रेनिंग भी दी गई।
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ अभियान जारी है, फिर भी नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। एक तरफ कोरोना काल में लोगों की जिंदगी खत्म हो रही है, वहीं नक्सली इस मौके को अपने निजी फायदे के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कोरोना काल में बच्चों के स्कूल बंद हैं। ऐसे में बीते एक साल में जो बच्चे स्कूल या संस्थान बंद होने की वजह से अपने घर वापस लौटे हैं, नक्सली उन्हें अपने संगठन में भर्ती कर रहे हैं।
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आंध्र प्रदेश पुलिस की एसआईबी ने छत्तीसगढ़ पुलिस को ये खुफिया रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट से राज्य में खलबली मच गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, इन बच्चों की संख्या करीब 700 है। जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं। खबर है कि नक्सलियों (Naxalites) ने अबूझमाड़ में एक ट्रेनिंग कैंप भी बनाया था, जिसमें कई युवाओं को ट्रेनिंग भी दी गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों ने नक्सलियों के कैंप में ट्रेनिंग ली है, उनकी उम्र 12 से 18 साल के बीच है।
इस मामले में बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की वजह से ज्यादातर बच्चे अपने घर लौटे हैं। ऐसे में इस तरह की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकते। लेकिन इस मामले में अभी तक पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है।
खबर है कि नक्सली बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर के ज्यादातर छात्रों को संगठन में मिलाने की कोशिश कर रहे हैं। युवाओं को फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब नक्सली सारे बच्चों को अपने साथ जंगल नहीं ले जाते, बल्कि कुछ को स्कूल में पढ़ने देते हैं और उनसे वो काम लेते हैं, जो जंगल में रहते हुए करना संभव नहीं है।
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