बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुन्दरराज पी ने भी कहा है कि इस नक्सली (Naxalites) मूर्ति को खंडित नहीं किया जाएगा और इसका इस्तेमाल हिंसात्मक विचारों के खिलाफ सबक सिखाने के लिए किया जाएगा।
कांकेर: छत्तीसगढ़ का कांकेर एक नक्सल (Naxalites) प्रभावित इलाका है। लेकिन यहां एक नक्सली कमांडर की मूर्ति चर्चा का विषय बन गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुलिस का कहना है कि इस नक्सली कमांडर की मूर्ति को हटाया नहीं जाएगा। इस मूर्ति का इस्तेमाल नक्सलवाद के खिलाफ सबक देने के लिए किया जाएगा।
बता दें कि 18 फरवरी 2021 को आमाबेड़ा में सीपीआई माओवादी कार्यकर्ता DVCM सोमजी IED प्लांट कर रहा था। इसी दौरान वह खुद के द्वारा लगाई जा रही आईईडी की चपेट में आ गया और मारा गया।
ऐसे में पुलिस का मानना है कि इस मूर्ति को देखकर बाकी के नक्सलियों (Naxalites) को ये सबक मिलेगा कि वह अपने ही हाथ से अपनी मौत का सामान बो रहे हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुन्दरराज पी ने भी कहा है कि इस मूर्ति को खंडित नहीं किया जाएगा और इसका इस्तेमाल हिंसात्मक विचारों के खिलाफ सबक सिखाने के लिए किया जाएगा।
बता दें कि जिस नक्सली की ये मूर्ति है, उसका घर पर नाम मनीराम था। 14 साल की उम्र में वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया और उसने हाथ में बंदूक थाम ली। इसके बाद 17 सालों तक वह कई नक्सली वारदातों में शामिल रहा। इसी साल 18 फरवरी को वो खुद की ही साजिश का शिकार हो गया और IED प्लांट करते वक्त उसके चीथड़े उड़ गए।
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