नक्सलवाद का सच

दंतेवाड़ा देश का ऐसा जिला बना है, जहां एक साल में 100 इनामी नक्सलियों (Naxalites) ने सरेंडर किया है। इन नक्सलियों पर कुल 1 करोड़ 85 लाख से ज्यादा का इनाम था।

25 जनवरी 2008, यही वो तारीख है जब नक्सलियों (Naxalites) ने ग्राम पंचायत संगम में स्कूल भवन (School Building) को ध्वस्त (Demolished) कर दिया था।

सुरक्षा एजेंसियों ने भी ये आशंका जताई है कि नक्सली अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए इन बच्चों को अपना मोहरा बना सकते हैं।

बिहार के नक्सली बिहार में सरेंडर नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें झारखंड में सरेंडर करना ज्यादा रास आता है। इसके पीछे की वजह भी दिलचस्प है।

28 जून को लोन वर्राटू अभियान (Lone Varratu campaign) को एक साल पूरा हो गया है। बीते साल 28 जून 2020 को इस अभियान की दंतेवाड़ा से शुरुआत हुई थी।

तीनों नक्सलियों (Naxalites) ने नक्सली संगठन की की गलत नीतियों से तंग आकर नारायणपुर (Narayanpur) पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है।

खबर मिली है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के गढ़चिरौली (Gadchiroli) में एक इनामी महिला नक्सली (Naxalite) ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattiagrah) के कबीरधाम जिले में 23 जून को एक महिला नक्सली (Woman Naxalite) समेत दो इनामी नक्सलियों (Naxalites) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में 'लोन वर्राटू' अभियान के तहत एक और कामयाबी मिली है। यहां एक लाख के इनामी सहित तीन नक्सलियों (Naxalites) ने सरेंडर कर दिया है।

संगठन में स्थानीय आदिवासी नौजवान कभी भी एरिया कमेटी से ऊपर प्रमोट नहीं किए जाते। केंद्रीय नेतृत्व में केवल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व केरल जैसे राज्यों के ही नक्सलियों (Naxalites) का बोल-बाला है।

नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का नतीजा है कि नक्सलियों पर लगाातर दबाव बढ़ रहा है और बढ़ते दबाव के कारण नक्सली लगातार सरेंडर (Surrender) कर रहे हैं।

महाराष्ट्र (Maharashtra) के गढ़चिरौली जिले में 18 जून को 2 लाख की इनामी महिला नक्सली (Woman Naxali) ने सरेंडर (Surrender) कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी है।

इस समय 90 जिलों में नक्सलवाद (Naxalism) हावी है। आंकड़े बताते हैं कि बीते 3 सालों में 2168 नक्सली हमले हुए हैं, जिसमें 625 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लगातार नक्सलियों का आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) हो रहा है। राज्य के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में 'लोन वर्राटू' अभियान से प्रभावित होकर पांच नक्सलियों के आत्मसमर्पण किया है।

नक्सली (Naxalites) किसी के सगे नहीं होते। यहां तक कि वे अपने साथियों के भी अपने नहीं होते। इसका उदाहरण देखने को मिला जब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर जिले में नक्सलियों (Naxals) ने अपने ही साथी का अपहरण कर लिया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सल विचारधारा को छोड़कर लगातार नक्सलियों का सरेंडर (Naxalites Surrender) हो रहा है। संगठन में हो रही ज्यादती से तंग आकर नक्सली नक्सलवाद (Naxalism) का रास्ता छोड़कर मुख्याधारा में शामिल हो रहे हैं।

सरेंडर करने वाले मिलिशिया सदस्य नक्सलियों धुरबेड़ा निवासी कमलू ध्रुवा, मालू ध्रुवा, गट्टाकाल निवासी राकेश उसेण्डी और गोमागाल डेंगलपुट्टीपारा निवासी हिड़मे कवाची शामिल हैं।

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