भारत के खिलाफ पाक ने तैयार की भाड़े के आतंकियों की फौज, घुसपैठ के लिए संघर्ष विराम की आड़ में पाक सेना ने बढ़ाई ताकत

पिछले साल अगस्त से सीमा पार फिर से सक्रिय इन आतंकी ठिकानों पर करीब 60-80 आतंकी (Terrorists) मौजूद हैं और ये सभी अफगान युद्ध से लौटे हैं जो ज्यादातर पाक मूल के भाड़े के लड़ाके हैं।

Terrorists

ISI and Pak army prepares movable launch pads for afghan Militants in pok

जम्मू कश्मीर राज्य से लगे अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दूसरी तरफ मौजूद आतंकी ठिकानों पर करीब 60 से 80 आतंकी घुसपैठ के लिए मौजूद हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वे अफगानिस्तान से लौटे भाड़े के आतंकी (Terrorists) हैं, जो गर्मियों के महीनों के दौरान कश्मीर में संभावित घुसपैठ से पहले ट्रेनिंग ले  रहे हैं। 

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सैन्य अधिकारियों के अनुसार, पाक को उन्हें भारतीय इलाके में घुसपैठ कराने से पहले कई बार सोचना होगा क्योंकि इस्लामाबाद वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ‘‘ग्रे लिस्ट’’ में बना हुआ है और उसकी गंभीरता का अंदाजा तभी लगाया जा सकता है जब वह आतंकियों (Terrorists) को प्रश्रय देने वाले ढांचे को खत्म करे।

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा 2019 की जोरदार कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी दल ने पिछले साल के शुरुआती महीनों तक आतंकी ठिकानों से दूरी बनाकर रखी, जब वे कुछ हफ्तों के लिए थोड़े समय के लिए सक्रिय हुए और बाद में फिर से गायब हो गए।

हालांकि, पिछले साल अगस्त से सीमा पार फिर से सक्रिय इन आतंकी ठिकानों पर करीब 60-80 आतंकी (Terrorists) मौजूद हैं और ये सभी अफगान युद्ध से लौटे हैं जो ज्यादातर पाक मूल के भाड़े के लड़ाके हैं।

एलओसी पर पिछले साल फरवरी से संघर्ष विराम समझौता लागू है और अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने 2019 में गंभीर विपरीत हालात का सामना करने के बाद इस समय का इस्तेमाल लगभग 8,000 टन रक्षा सामग्री के साथ सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किया है।

अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने पिछले साल से संघर्ष विराम का फायदा उठाते हुए अपनी वायु रक्षा प्रणाली, तोपखाने और मोर्टार की तैनाती को मजबूत करने के अलावा, भारी क्षमता वाली करीब 60 तोपें भी तैनात की हैं।

उन्होंने कहा कि जहां भारतीय सेना सरहद पर विशेष सतर्कता बरत रही है जिससे कि गर्मियों के दौरान पाक सेना की आड़ में आतंकियों (Terrorists) की घुसपैठ की साजिशों को नाकाम किया जा सके। साथ ही सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए एलओसी पर घुसपैठ रोधी ग्रिड और निगरानी तंत्र को और मजबूत किया गया है।

हॉटलाइन पर भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद पिछले साल 25 फरवरी को एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें दोनों देश 24-25 फरवरी 2021 की मध्य रात्रि से एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों में सभी समझौतों, आपसी सहमति और संघर्ष विराम का सख्ती से पालन करने पर सहमत हुए।

साभार: आशीष उमा (भाषा)

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