Kargil War 1999

कारगिल युद्ध (Kargil War) में राजपूताना राइफल्स-टू ने अहम भूमिका अदा की थी। इस बटालियन के जवानों ने दुश्मनों से हर मोर्चे पर लोहा लिया और ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

एक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके दूसरा भारत के कब्जे वाला कश्मीर। इसके बाद 1950 में भारत-पाक विषम परिस्थितियों में थे, तो मौके का फायदा उठाकर चीन ने पूर्वी कश्मीर पर धीरे-धीरे नियंत्रण कर लिया।

ऑपरेशन के दौरान चोटी पर पहुंचने के बाद राइफलमैन संजय कुमार पाकिस्तानी सेना के एक बंकर से की जा रही भारी गोलाबारी की चपेट में आ गए।

दुश्मन के सामने हम किसी भी तरह कमजोर साबित न हो इसके लिए पूरा दमखम लगा दिया गया था। कारगिल की पहाड़ी विश्व की सबसे ऊंची पहाड़ियों में गिनी जाती है।

वह अपने साथी जवानों के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जे वाली तोलोलिंग पहाड़ी की सीधी चट्टान पर रेंगते-रेंगते उस जगह पहुंचे थे जहां दुश्मन ने कई बंकर बना रखे थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान कश्मीर हड़पने की फिराक में था लेकिन हमारे वीर जवानों के आगे उसका ये सपना कभी पूरा नहीं हो सका।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) की रणनीति और सूझबुझ के चलते दुश्मन पस्त हो गए थे।

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