Kargil War: सीने हो गए छलनी, मगर पीछे नहीं हटे कदम; पढ़ें राजपूताना राइफल्स-टू के पराक्रम की कहानी
कारगिल युद्ध (Kargil War) में राजपूताना राइफल्स-टू ने अहम भूमिका अदा की थी। इस बटालियन के जवानों ने दुश्मनों से हर मोर्चे पर लोहा लिया और ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
Kargil War: प्वाइंट 4875 में दफन हैं दुश्मन के कई सैनिक, जानें क्या हुआ था तब
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
इस तरह हुआ कश्मीर दो भागों में विभाजित, जानें क्या थी वजह
एक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके दूसरा भारत के कब्जे वाला कश्मीर। इसके बाद 1950 में भारत-पाक विषम परिस्थितियों में थे, तो मौके का फायदा उठाकर चीन ने पूर्वी कश्मीर पर धीरे-धीरे नियंत्रण कर लिया।
Kargil War: जब पाक सेना की मशीन गन से इस जवान ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, घायल होने के बावजूद दुश्मनों को किया ढेर
ऑपरेशन के दौरान चोटी पर पहुंचने के बाद राइफलमैन संजय कुमार पाकिस्तानी सेना के एक बंकर से की जा रही भारी गोलाबारी की चपेट में आ गए।
Kargil War: कारगिल की लड़ाई क्यों थी सबसे अलग? ये है वजह
दुश्मन के सामने हम किसी भी तरह कमजोर साबित न हो इसके लिए पूरा दमखम लगा दिया गया था। कारगिल की पहाड़ी विश्व की सबसे ऊंची पहाड़ियों में गिनी जाती है।
सूबेदार भंवरलाल भाकर: खून से लथपथ था शरीर फिर भी झुका नहीं सिर, फहराई विजय पताका
वह अपने साथी जवानों के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जे वाली तोलोलिंग पहाड़ी की सीधी चट्टान पर रेंगते-रेंगते उस जगह पहुंचे थे जहां दुश्मन ने कई बंकर बना रखे थे।
Kargil War 1999: गोलियों की बौछार के बीच चोटियों पर पहुंचना था बेहद चुनौतीपूर्ण, फिर भी जीते हमारे जवान
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान कश्मीर हड़पने की फिराक में था लेकिन हमारे वीर जवानों के आगे उसका ये सपना कभी पूरा नहीं हो सका।
Kargil War 1999: …जब घुसपैठियों ने खुद को कई महत्वपूर्ण और सुरक्षित स्थानों पर छिपा लिया, ऐसे किया गया ट्रैक
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) की रणनीति और सूझबुझ के चलते दुश्मन पस्त हो गए थे।