Kargil War: जब पाक सेना की मशीन गन से इस जवान ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, घायल होने के बावजूद दुश्मनों को किया ढेर

ऑपरेशन के दौरान चोटी पर पहुंचने के बाद राइफलमैन संजय कुमार पाकिस्तानी सेना के एक बंकर से की जा रही भारी गोलाबारी की चपेट में आ गए।

Kargil War

राइफलमैन संजय कुमार

Kargil War: ऑपरेशन के दौरान चोटी पर पहुंचने के बाद वह पाकिस्तानी सेना के एक बंकर से की जा रही भारी गोलाबारी की चपेट में आ गए। हालांकि हार न मानते हुए उन्होंने आमने-सामने की लड़ाई मे उन्होंने तीन घुसपैठियों को मार गिराया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में इंडियन आर्मी (Indian Army) के प्रदर्शन को आज भी सराहा जाता है। सैनिकों ने युद्ध में दुश्मनों को बुरी तरह से नेस्तनाबुद कर दिया था। पाकिस्तान इस युद्ध में इंडियन आर्मी के जवानों के प्रदर्शन को सोचकर कांप उठता होगा।

कारगिल युद्ध (Kargil War) पाकिस्तान के लिए एक भयावह सपने से कम नहीं है। कश्मीर पर कब्जा करने के इरादे से आए पाकिस्तान के सैनिकों को सेना ने बुरी तरह से खदेड़ा था। हालांकि, सपाट ठंडे पहाड़ों पर अपने आप को बचाते हुए एम्युनिशन लेकर चढ़ना एक जोखिम भरा काम था। ऊपर बैठे, चारों तरफ पोजीशन लिए पाक सैनिक तोप से गोले बरसा रहे थे, फिर भी भारतीय सेना ने दुश्मनों को नाकों तले चने चबवा दिए।

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युद्ध में ऑपरेशन विजय के दौरान 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स की एक कंपनी के लीडिंग स्काउट में शामिल राइफलमैन संजय कुमार (Sanjay Kumar) की शौर्य गाथा आज भी याद की जाती है। उन्हें 4 जुलाई, 1999 को जम्मू और कश्मीर की मश्कोह घाटी में फ्लैट टॉप क्षेत्र पर कब्जा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

ऑपरेशन के दौरान चोटी पर पहुंचने के बाद वह पाकिस्तानी सेना के एक बंकर से की जा रही भारी गोलाबारी की चपेट में आ गए। हालांकि हार न मानते हुए उन्होंने आमने-सामने की लड़ाई मे उन्होंने तीन घुसपैठियों को मार गिराया था। और खुद भी बुरी तरह से घायल हो गए थे।

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अचानक हुई इस कार्रवाई से दुश्मन के सैनिक बिल्कुल अचंभित रह गए। इसी दौरान दुश्मनों ने एक चूक कर दी। वह एक यूनीवर्सल मशीन गन पीछे छोड़कर भाग रहे थे। तभी राइफलमैन संजय कुमार की नजर उस पर पड़ी और यूनीवर्सल मशीनगन उठाकर भागते दुश्मनों को मार गिराया।

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उनकी इस साहसपूर्ण कार्रवाई से उनके साथियों को प्रेरणा मिली और उन्होंने दुश्मन पर धावा बोल कर आखिरकार फ्लैट टॉप क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। उच्च कोटि की वीरता और अदम्य साहस का प्रदर्शन करने के लिए संजय कुमार (Sanjay Kumar) को सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।

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