1971 का युद्ध: जंग के मैदान में जख्मी मेजर ने खुद काटा था अपना पैर, जानें इयान कार्डोजो की बहादुरी की कहानी
इयान कार्डोजो के मुताबिक पाकिस्तान के एक युद्धबंदी सर्जन मेजर मोहम्मद बशीर को उनका ऑपरेशन करने का आदेश मिला था। जिसके बाद उन्होंने ऑपरेशन करवाया।
India Pakistan War 1971: सरेंडर के वक्त जनरल नियाजी की आंखों में थे आंसू, ऐसा था माहौल
सेना ने 13 दिन के भीतर ही पाक सैनिकों को घुटनों पर ला दिया था। जब पाकिस्तान सेना सरेंडर कर रही थी तो पाकिस्तानी जनरल नियाजी की आंख में आंसू थे।
भारत ने आखिर क्यों 1971 के युद्ध के बाद 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया? जानें वजह
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया था।
1971 के युद्ध में साइकिल का भी हुआ था इस्तेमाल, ये थी वजह
हथियारों के साथ ही साइिकल की मदद से सेना ने यह लड़ाई जीती थी तो कहना गलत नहीं होगा। जंग के मैदान में हथियारों के अलावा दिमाग के घोड़े भी दौड़ाने होते हैं।
वायु सेना के पायलटों के युद्धबंदी बनने के चांस ज्यादा क्यों होते हैं?
किसी भी युद्ध में वायुसेना की अहम भूमिका होती है, पर उनके युद्धबंदी बनने का भी खतरा ज्यादा होता है क्योंकि पायलट दुश्मन की जमीन पर जाकर बमबारी करते हैं।
India Pakistan War 1971: …जब पाकिस्तान की सबसे बड़ी पनडुब्बी पीएनएस गाजी ने ली जलसमाधि
युद्ध में यह पनडुब्बी भारत की आईएनएस राजपूत से लोहा लेते हुए स्वतः नष्ट हो गई थी। हालांकि बताया यह भी जाता है कि अपने खानों में हुए आकस्मिक विस्फोट के कारण पीएनएस गाजी खुद ही नष्ट हो गई थी।
India Pakistan War 1971: ढाका पर कब्जा करना सेना के प्लान में शामिल क्यों नहीं किया गया था? ये थी वजह
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (India Pakistan War 1971) में भारतीय सेना का पराक्रम देखने को मिला था। इस जंग में हार के चलते पाकिस्तान की पूरी दुनियाभर में बेइज्जती हुई थी।
…जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी पायलट परवेज कुरैशी को पकड़ा
Indian Army: भारतीय सैनिकों ने बड़े दिल का परिचय दिया था और घायल पायलट के इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर को बुलाया था। दरअसल यह घटना 22 नवंबर, 1971 की थी।
कई मायनों में खास था 1971 में हुआ युद्ध, जानें कैसे बढ़ी भारत की साख
India Pakistan War 1971: सबसे बड़ी वजह यह थी कि इस युद्ध ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया और बांग्लादेश नाम के एक नए देश का जन्म हुआ।
War of 1971: पाकिस्तान की जेल में बंद हैं वीर सैनिक मंगल सिंह, सालों से इंतजार में है परिवार
पाकिस्तान और भारत के बीच 1971 में युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
War of 1971: ‘शौर्य चक्र’ विजेता रिटायर्ड सूबेदार सेवा सिंह चौहान ने अकेले ही किए थे 5 बम डिफ्यूज, जानें इनकी बहादुरी की कहानी
युद्ध के दौरान चौहान बॉम्बे इंजिनियरिंग रेजिमेंट में सूबेदार थे और जीरा सेक्टर में पोस्टेड थे। पंजाब के पास जीरा सेक्टर में दुश्मनों ने हवाई हमला बोल दिया था।
Kargil War: जब पाक सेना की मशीन गन से इस जवान ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, घायल होने के बावजूद दुश्मनों को किया ढेर
ऑपरेशन के दौरान चोटी पर पहुंचने के बाद राइफलमैन संजय कुमार पाकिस्तानी सेना के एक बंकर से की जा रही भारी गोलाबारी की चपेट में आ गए।
War of 1971: जब दुश्मन के 38 पैटन टैंकों को ध्वस्त कर Indian Army ने पैदा कर दिया था खौफ
युद्ध में सेना के मात्र 120 जवानों ने दुश्मन देश के 38 पैटन टैंक को ध्वस्त कर दिया था। वह भी तब जब पाक आर्मी के कम से कम 2 हजार जवानों से उनका मुकाबला था।
War of 1971: पाकिस्तानी सेना के सरेंडर के बाद हजारों बंदूकें और तोप किए गए थे जब्त
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (War of 1971) में हमारी सेना ने एकतरफा जीत हासिल की थी। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।
War of 1971: सूबेदार मेजर अमर सिंह की बहादुरी की कहानी, दुश्मन को सामने देखते ही उतार देते थे मौत के घाट
युद्ध में हिस्सा लेने वाले जवान गांव नाहड़ निवासी सूबेदार मेजर अमर सिंह भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया है कि वे कैसे जंग के मैदान में लड़े थे।
War of 1971: जब वायुसेना ने चौरतरफा घेरेबंदी कर ढाका में गवर्नर हाउस पर बरसाए ताबड़तोड़ बम, जानें युद्ध की कहानी
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (War of 1971) में पाकिस्तान के हजारों सैनिकों ने सरेंडर कर दिया था। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने इस युद्ध में बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी।
War of 1971: ‘मरकर’ जिंदा हुए थे लांस नायक श्रीपति सिंह, जानें ‘वीर चक्र’ से सम्मानित होने वाले इस जवान की कहानी
अस्पताल तक पहुंचने के से पहले उन्होंने बहादुरी की मिसाल पेश कर दी थी। उन्होंने 9 दिसंबर के दिन वीरता दिखाते हुए पाकिस्तान के सेवर जेट विमान को रोके रखा था।