भारत-चीन सीमा विवाद: फिंगर-4 क्या है और क्यों वहां कब्जे की कोशिश में है चीनी सेना

लद्दाख में चीन की सेना कई इलाकों में पीछे हट गई है लेकिन दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील के पास फिंगर-4 को लेकर विवाद अभी भी जारी है…

Pagong Lake

फिंगर-4 तक पहुंच बनाने के पीछे चीन की कोशिश पैंगोग सो इलाके में नियंत्रण हासिल करना है (तस्वीर प्रतीकात्मक)

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर करीबन एक महीने से चला आ रहा तनाव थोड़ा ठंडा पड़ रहा है। पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के गलवान वैली, पीपी-15 और हॉट स्प्रिंग इलाके में दो से ढाई किलोमीटर तक पीछे हटने की खबर है। जवाब में भारत ने भी अपनी सेना को थोड़ा पीछे किया है। इसे एलएसी पर घटते तनाव का एक संकेत माना जा रहा है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो दोनों देशों के बीच अभी भी पैंगोंग झील के पास फिंगर-4 को लेकर विवाद जारी है।

क्या है फिंगर-4 (What is Finger-4)?

लद्दाख की पैंगोंग झील का नाम तो आपने सुना ही होगा। अगर सुना नहीं भी हो तो किसी तस्वीर या फिल्म में देखा जरूर होगा। यह वही झील है जिसके किनारे “3 इडियट्स” में आमिर खान ड्रोन उड़ा रहे थे और जिसके ठंडे पानी में अनुष्का शर्मा “जब तक है जान” में डुबकी लगा रही होती हैं। इसी पैंगोंग झील या पैगोंग सो के पास है फिंगर-4।

पैंगोंग झील 135 किलोमीटर लंबी है और इसका करीब 80 किलोमीटर का इलाका चीन के हिस्से में आता है और बाकी भारत के। भारत और चीन के बीच एकमात्र यही इलाका है जहां सीमा का बंटवारा पानी के बीच हुआ है। झील के बगल से चैंग चेनमो की पहाड़ियां हैं। इन पहाड़ियों को ऊपर से देखें तो किसी फैले हुए हाथ की उंगलियों की तरह नजर आती हैं। यही वजह है कि इन्हें फिंगर-1 से फिंगर-8 तक का नाम दिया गया। फिंगर-1 भारत की तरफ से सबसे नजदीक और फिंगर-8 सबसे दूर पड़ता है। इन्हीं फिंगर के आधार पर पैंगोग के पास से एलएसी को मापा जाता है।

Finger Area Ladakh

क्या है फिंगर-4 का विवाद?

1962 से पहले इन पहाड़ियों से आगे सिरिजाप तक भारत का क्षेत्र हुआ करता था। युद्ध के दौरान चीन ने फिंगर-2 तक के इलाके पर कब्जा कर लिया था। शांति बहाली के बाद वह सिरिजाप तक वापस तो लौट गया लेकिन वह अभी भी फिंगर-2 तक दावा करता है। उधर, भारत का कहना है कि फिंगर-8 तक भारतीय क्षेत्र है।

फिलहाल फिंगर 3 तक भारत की पक्की सड़क है और फिंगर-5 तक चीन ने पक्की सड़क बना रखी है। फिंगर-3 से फिंगर-5 के बीच के इलाके में दोनों ही तरफ के सैनिक गश्त पर जाते हैं। बताया जा रहा है कि इसी इलाके में 5-6 मई की रात को दोनों देशों के सैनिकों की झड़प से हालिया तनातनी की शुरुआत हुई थी।

सूत्रों के मुताबिक, चीन ने बंकर, बुलडोजर और गड्ढे बनाकर फिंगर-4 से आगे का रास्ता रोका हुआ है और इस क्षेत्र में भारतीय सेना को पैट्रोलिंग नहीं करने दे रही है। साथ ही वह इस इलाके में सड़क को पक्का करने का काम भी कर रही है।

फिंगर-4 तक पहुंच बनाने के पीछे चीन की कोशिश पैंगोग सो इलाके में नियंत्रण हासिल करना है। पैंगोग सो चुसुल घाटी के करीब है जो 1962 में भारत-चीन के युद्ध के दौरान एक अहम मोर्चा रहा था। भारत ऐसा होने नहीं देगा। ऐसे में फिंगर-4 का मामले सुलझने में अभी वक्त लग सकता है।

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