OIC ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, कश्मीर मुद्दे पर बात करने से किया इंकार

इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान को एक बार फिर झटका दिया है। भारत के खिलाफ दुनिया के देशों को बरगलाने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान को ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने आईना दिखाया है।

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फाइल फोटो।

OIC के सेक्रटरी जनरल यूरुफ अल-ओथाईमीन के हवाले से कहा गया है कि विदेश मंत्रियों की बैठक का विषय ‘आतंकवाद के खिलाफ शांति और विकास के लिए एकजुट’ है।

इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान को एक बार फिर झटका दिया है। भारत के खिलाफ दुनिया के देशों को बरगलाने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान को ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने आईना दिखाया है। OIC के विदेश मंत्रियों की बैठक में साफ-साफ कहा गया कि कश्मीर मुद्दा OIC के एजेंडा में नहीं है।

इसके साथ ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की भी काफी फजीहत हुई है। दरअसल, उनके ऑफिस ने 24 नवंबर को बयान जारी कर ऐलान कर दिया था कि वह मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर विवाद शामिल है।

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, उसमें कहा गया है कि ओआइसी के तहत विदेश मंत्रियों की काउंसिल की बैठक में इस्लामोफोबिया, फलस्तीन, जम्मू व कश्मीर विवाद, गैर इस्लामिक देशों में मुस्लिमों की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।

जबकि ओआइसी सचिवालय ने आगामी बैठक का जो एजेंडा जारी किया है उसमें कश्मीर का कोई जिक्र नहीं है। OIC के सेक्रटरी जनरल यूरुफ अल-ओथाईमीन के हवाले से कहा गया है कि विदेश मंत्रियों की बैठक का विषय ‘आतंकवाद के खिलाफ शांति और विकास के लिए एकजुट’ है।

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इसमें कहा गया,”फिलिस्तीन, हिंसा के खिलाफ जंग, कट्टरवाद और आतंकवाद, इस्लामोफोबिया और धर्म के अपमान के अलावा काउंसिल मुस्लिम अल्पसंख्यकों और गैर-सदस्य देशों के हालात, इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में रोहिंग्याओं के लिए फंड जुटाना जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।”

बता दें कि एक तरफ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) पर भी उसकी पकड़ ढीली होती जा रही है।

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इसका सबसे बड़ा उदाहरण अफ्रीकी देश नाइजर में 25 नवंबर से शुरू हुई ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक का एजेंडा है। ओआइसी ने जो एजेंडा जारी किया है उसमें कश्मीर का जिक्र तक नहीं है।

यह पहला मौका नहीं है जब ओआइसी में पाकिस्तान को कश्मीर पर मुंह की खानी पड़ी है। मार्च, 2019 में पाकिस्तान के बेहद कड़े एतराज के बावजूद पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अबुधाबी में आयोजित ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में बतौर मेहमान शामिल हुई थीं।

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इसे भारतीय कूटनीति की एक बड़ी जीत माना जाता है क्योंकि अभी तक पाकिस्तान के बेहद कड़े एतराज की वजह से ओआइसी में भारत को बुलाया नहीं जाता था।

साथ ही OIC की तरफ से भी कश्मीर पर कई बार बेहद कड़े बयान भी जारी किए गए हैं। दरअसल, पाकिस्तान तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर इस्लामिक देशों का अलग संगठन बनाने की कोशिश कर रहा है।

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यह बात सऊदी अरब और कुछ अन्य देशों को रास नहीं आ रही है। हाल ही में यूएई ने पाकिस्तान, ईरान और इराक समेत 13 देशों के नागरिकों को वीजा देने पर रोक लगाने का एलान किया है।

इनमें अफगानिस्तान, तुर्की, सीरिया, सोमालिया, लीबिया, यमन, अल्जीरिया, केन्या, लेबनान और ट्यूनीशिया भी शामिल हैं। सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों पर तनाव बढ़ता जा रहा है।

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भारत सरकार ने पिछले चार-पांच सालों में ओआइसी (OIC) के कई महत्वपूर्ण सदस्यों जैसे सऊदी अरब, यूएई, बहरीन, ओमान के साथ अपने रिश्तों को बहुत मजबूत कर लिया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर अभी ओआइसी के दो महत्वपूर्ण देशों बहरीन और यूएई की यात्रा पर हैं।

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