जम्मू कश्मीर: पुंछ व राजौरी के जंगल में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन लगातार 14वें दिन भी जारी, आतंकियों का बचना नामुमकिन

सुरक्षाबलों ने पिछले दो सप्ताह से जंगल का कोना-कोना छान मारा है और एक-दो दिन में यहां के प्राकृतिक गुफाओं को भी जल्द ही खंगाल लिया जायेगा।

Terrorists hunt Operation Continues in Poonch-Rajouri Forest Belt

जम्मू कश्मीर के जुड़वा जिले पुंछ और राजौरी में खराब मौसम के बावजूद दहशतगर्दों (Terrorists) की खोजबीन के लिए सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन लगातार 14वें दिन भी जारी है। हालांकि इस दौरान आतंकियों से दो अलग-अलग मुठभेड़ में हमने अपने 9 जवानों का बलिदान भी दिया है।

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सैन्य अधिकारियों के अनुसार, पुंछ में मेंढर और सुरनकोट व राजौरी के समीपवर्ती थनमंडी के घने जंगलों में छिपे दहशतगर्दों (Terrorists) की धर-पकड़ के लिए सेना व पुलिस का ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन सावधानीपूर्वक जारी रहने के बीच दो और संदिग्ध पूछताछ के लिए हिरासत में लिये गये। सैन्य अधिकारी के मुताबिक, जंगल के एक बड़े हिस्से को खंगाल लिया गया है और अब तलाशी अभियान उस क्षेत्र में सीमित हो गई है जहां पर कई पहाड़ी गुफाएं हैं।

सैन्य अधिकारी के मुताबिक, 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर की प्रांरभिक गोलीबारी के बाद दहशतगर्दों (Terrorists) के साथ कोई सीधा आमना-सामना नहीं हुआ है। आतंकियों की तलाशी के लिए सर्च ऑपरेशन का विस्तार किया गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मौसम सही रहने पर इन गुफाओं को खंगालने का काम एक-दो दिनों में पूरा हो जाएगा।

सैन्य अधिकारी के मुताबिक, जंगलों में अपने सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबल हाईटेक ड्रोन की मदद से संदिग्ध स्थानों पर कड़ी नजर भी रख रहे हैं।

इस बीच, मेंढर के भट्टा दुर्रियन जंगल में सेना के सर्च टीम ने दो संदिग्ध विस्फोटक उपकरणों को नष्ट किया है। इस इलाके में मंगलवार को सुरक्षा के तौर पर स्थानीय लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गयी थी क्योंकि सुरक्षाबल के जवान जंगल में आगे बढ़ रहे थे।

दोनों ही सीमावर्ती जिलों के जंगली क्षेत्र में यह अभियान 11 अक्टूबर को तब शुरू हुआ था जब दहशतगर्दों (Terrorists) ने पुंछ के सुरनकोट में घात लगाकर एक तलाशी दल पर हमला किया था। इस कायराना हमले में हमारे 5 जवान शहीद हो गये थे। तभी से थनमंडी इलाके में मुठभेड़ शुरू हुई थी। 

हालांकि उस मुठभेड़ के बाद आतंकी दोनों ही स्थानों से भाग गये थे। लेकिन 14 अक्टूबर को एक बार फिर आतंकियों ने मेंढर के नार खास जंगल में जवानों पर छिपकर फायरिंग की, जिसमें हमारे 4 जवान शहीद हो गये। इसी के बाद से सुरक्षाबलों ने पिछले दो सप्ताह से जंगल का कोना-कोना छान मारा है और एक-दो दिन में यहां के प्राकृतिक गुफाओं को भी जल्द ही खंगाल लिया जायेगा। सुरक्षाबलों ने दहशतगर्दों (Terrorists) का सफाया करने के लिए अपना अभियान बढ़ा दिया।

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