Indian Army की ताकत में हुआ इजाफा, मिला 100वां K9-Vajra टैंक; जानें खासियत

भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत में 18 फरवरी को और इजाफा हुआ जब भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावने (General MM Naravane) ने गुजरात में K9-Vajra का 100वां टैंक रिसीव किया।

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K9-Vajra Tank

K9-Vajra टैंक (K9-Vajra Tank) भारत में बनाया गया है। ऐसे 100 टैंक का ऑर्डर 4,500 करोड़ रुपए में दिया गया था। जो अब बनकर पूरे हो चुके हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत में 18 फरवरी को और इजाफा हुआ जब भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावने (General MM Naravane) ने गुजरात में K9-Vajra का 100वां टैंक रिसीव किया।

बता दें कि K9-Vajra टैंक (K9-Vajra Tank) भारत में बनाया गया है। ऐसे 100 टैंक का ऑर्डर 4,500 करोड़ रुपए में दिया गया था। जो अब बनकर पूरे हो चुके हैं। भारत के K9-Vajra टैंक को बनाने वाली प्रमुख कंपनी लार्सेन एंड टुब्रो (L&T) है। इसे बनाने के लिए कंपनी ने नए रक्षा इंजीनियरों को ट्रेनिंग दी। उन्हें टैंक के ऑटोमेशन और अन्य एक्टिविटीज के लिए प्रशिक्षित किया गया। इसके बाद इस टैंक को बनाया गया है।

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इसका 80 फीसदी हिस्सा स्वदेशी है। इस टैंक (K9-Vajra Tank) के 13 हजार कलपुर्जे भारतीय कंपनी ने भारतीय परिस्थितियों को देखकर बनाया है। इसे बनाने में 1,000 से ज्यादा इंडस्ट्रियल पार्टनर यानी MSME शामिल हैं। इसमें 150 कंपनियां गुजरात की हैं।

खासियत: इस टैंक की खासियत ये है कि ये 18 किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर दूर तक गोला दाग सकता है। इस टैंक में 155 मिलीमीटर और 52 कैलिबर का गोला लगता है। इसका दूसरा हथियार है 0.50 कैलिबर का 12.7 मिलीमीटर हैवी मशीन गन (HMG)। इसकी अधिकतम गति 67 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

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इस तोप की रेंज 480 किलोमीटर है यानी यह एक बार ईंधन भरने पर 480 किलोमीटर तक जा सकती है। K9-Vajra टैंक में 14.5 मिलमीटर का ऑर्मर पियर्सिंग गोले भी भरे जा सकते हैं। 152 मिलीमीटर के शेल फ्रैगमेंट्स और एंटी-पर्सनल माइंस की भी अत्याधुनिक सुविधा है। इसका गोला 928 मीटर प्रति सेकेंड यानी एक मिनट में 55,680 मीटर की दूरी तय करता है।

इसका मतलब ये हुआ कि दुश्मन अगर 55 किलोमीटर दूर बैठा है तो वह 1 मिनट में तबाह हो जाएगा। K9-Vajra टैंक (K9-Vajra Tank) का वजन 47 टन है। इसकी लंबाई 12 मीटर (39.37 फीट), चौड़ाई 3.4 मीटर (11.1 फीट) और ऊंचाई 2.73 मीटर (8.95 फीट) है। इस टैंक के अंदर पांच जवान बैठ सकते हैं। इसमें एक कमांडर, एक ड्राइवर, एक गनर और दो लोडर शामिल होते हैं।

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इस टैंक के 6 मॉडल्स अपलब्ध हैं: K9-Vajra टैंक छह मॉडल हैं। पांच का उपयोग हो रहा है। छठा मॉडल अभी विकसित किया जा रहा है। इन मॉड्ल्स की फायरिंग रेंज 18 किमी, 30 किमी, 36 किमी, 40 किमी और 52 किमी है। 100 किलोमीटर से ज्यादा रेंज वाली टैंक पर काम चल रहा है।

ये देश करते हैं उपयोग: K9-Vajra (K9-Vajra Tank) का उपयोग दक्षिण कोरिया के अलावा तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, भारत, फिनलैंड, एस्तोनिया, नॉर्वे और मिस्र करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में K9-Vajra टैंक कोऑसी थंडर (Aussie Thunder) कहते हैं। भारत में इसे K9-Vajra-T (Lightning) नाम दिया गया है। वहीं, फिनलैंड में इसे K9FIN Moukari (Sledge-Hammer) कहा जाता है।समुद्र में लड़ाई के दौरान गेम चेंजर है SMART टारपीडो सिस्टम, जानें खासियतें

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सबसे पहले दक्षिण कोरिया ने बनाया था: K9-Vajra टैंक (K9-Vajra Tank) को सबसे पहले दक्षिण कोरिया ने बनाया था। वहां की हान्वा कंपनी के साथ मिलकर L&T ने रिसर्च किया। उनके टैंकों को भारतीय रणनीतिक परिवेश के मुताबिक बदला। उसके बाद उसे बनाकर भारतीय सेना को सौंपा है। इस टैंक को बनाने के गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु स्थित L&T की शाखाओं ने काम किया है।

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