सीमा पर बाइक्स के जरिए गश्त लगाते हैं हमारे जवान, रॉयल एनफील्ड बुलेट से है खास रिश्ता

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान दुश्मनों की हर नापाक हरकत पर नजर रखने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। सेना द्वारा सीमावर्ती इलाकों में गश्त लगाई जाती हैं। गश्त यानी पेट्रोलिंग का फायदा यह होता है कि दुश्मनों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है।

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हर साल गणतंत्र दिवस पर होने वाले परेड में भारतीय सेना की एक टीम ‘श्वेत अश्व’ द्वारा रॉयल एनफील्ड द्वारा स्टंट भी किया जाता है।

Indian Army Bikes: पिछले 70 से भी अधिक सालों से भारतीय थल सेना इन रॉयल एनफील्ड का इस्तेमाल कर रही है। आजादी के वक्त भारतीय सेना बीएसए और ट्रांयप मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल किया करती थी।

भारतीय सेना के जवान दुश्मनों की हर नापाक हरकत पर नजर रखने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। सेना द्वारा सीमावर्ती इलाकों में गश्त लगाई जाती हैं। गश्त यानी पेट्रोलिंग का फायदा यह होता है कि दुश्मनों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है और किसी भी खतरे को भांपा जा सकता है।

यही वजह है कि जवान तय शेड्यूल के मुताबिक पेट्रोलिंग करते हैं। पेट्रोलिंग बाइक्स के जरिए भी की जाती है। जवानों को रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइक दी जाती है। काफी भारी भरकम यह बाइक पहाड़ों पर राइडिंग के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।

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पिछले 70 से भी अधिक समय से भारतीय थल सेना (Indian Army) इन रॉयल एनफील्ड का इस्तेमाल कर रही है। आजादी के वक्त भारतीय सेना बीएसए और ट्रांयप मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल किया करती थी। रॉयल एन्फील्ड लंबे समय से भारतीय सेना के लिए सबसे बड़ी बाइक सप्लायर्स कंपनी बनी हुई है।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी रॉयल एनफील्ड की ही बाइकों का प्रयोग किया गया था। उस समय भारतीय सेना ने सीमा पर गश्ती के लिए रॉयल एनफील्ड की बाइकों को चुना। ये बाइक खस्ताहाल सड़कों पर भी काफी अच्छे से चलाई जा सकती है।

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इस बाइक का भारतीय सेना (Indian Army) के साथ रिश्ता किस हद तक है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यहां हर साल गणतंत्र दिवस पर होने वाले परेड में भारतीय सेना की एक टीम ‘श्वेत अश्व’ द्वारा रॉयल एनफील्ड द्वारा स्टंट भी किया जाता है।

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