पाकिस्तानी ड्रोनों से निपटने के लिए भारत लेगा इस नई तकनीक की मदद, बॉर्डर पर तैनात जवानों को किया जायेगा इससे लैस

पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स द्वारा उडाए गए ड्रोन (Drone) के लिंक को तोड़कर खतरे को नियंत्रित करने के लिए सीमा सुरक्षाबल की मदद के लिए एक एंटी–रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमिशन सिस्टम विकसित किया जा रहा है।

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भारतीय सीमाओं की हिफाजत कर रहे जवानों को जल्द ही एक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस किया जायेगा‚ जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकियों और पश्चिमी इलाकों खासकर पंजाब में ड्रोन (Drone) से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी से निपटने के लिए किया जाएगा। ‘काउंटर ड्रोन सॉल्यूशंस’ के बारे में निष्कर्ष उस अवैध गतिविधि से छुटकारा पाने की प्रक्रिया के तहत है जिसके बारे में खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी थी कि यह आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकता है।

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इस विशेष टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट से जुड़े एक सूत्र ने बताया‚ पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स द्वारा उडाए गए ड्रोन (Drone) के लिंक को तोड़कर खतरे को नियंत्रित करने के लिए सीमा सुरक्षाबल की मदद के लिए एक एंटी–रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमिशन सिस्टम विकसित किया जा रहा है। जिसका लाइव ट्रायल शुरू कर दिया गया है और दूसरा पायलट रन बस अभी खत्म हुआ है। हम अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के प्रॉसेस में हैं‚ जिसे हम जल्द ही होम मिनिस्ट्री को सौंप देंगे।

ड्रोन (Drone) को नियंत्रित करने के लिए तोड़ी जायेगी इसकी फ्रीक्वेंसी 

सॉल्यूशन टेस्टिंग से लेकर ड्रोन (Drone) डिटेक्शन और टारगेट सिस्टम तक‚ सभी पहलुओं को कवर किया जा रहा है। सिस्टम को समझाते हुए एक दूसरे सूत्र ने बताया कि ड्रोन को दूर से नियंत्रित करने के लिए आपको इसे वायरलेस से कम्युनिकेट करना होगा। रेडियो फ्रीक्वेंसी रेज इन ड्रोनों को दूर से नियंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम पर एक अदृश्य रेज का रूप है। रेडियो फ्रीक्वेंसी को ब्रेक करने के लिए एक सिस्टम विकसित की जा रही है। रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ सिस्टम फ्रीक्वेंसी को कैप्चर करने में मदद करेगा और इसे यहां से कंट्रोल करेगा या दूसरी तरफ से इसका कनेक्शन तोड़ देगा।

होम मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के अनुसार‚ ड्रोन (Drone) तकनीक में अपार संभावनाएं हैं और नीति आयोग के अनुसार अगले 15 सालों में इस सेक्टर के 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

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