रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने केके रेंजेस, आर्मर्ड कोर सेंटर और स्कूल अहमदनगर में एमबीटी अर्जुन (MBT Arjun) से इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है। 23 सितंबर को केके रेंजेस, आर्मर्ड कोर सेंटर और स्कूल (ACC & S) अहमदनगर में एमबीटी अर्जुन (MBT Arjun) से लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। दागी गई मिसाइल ने तीन किमी दूर स्थित टारगेट (Target) को सटीक तरीके से हिट किया और इसे ध्वस्त कर दिया।
इस तरह से एंटी टैंक मिसाइल (Anti Tank Missile) के मामले में देश ने आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम बढ़ाया है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने ट्विटर पर डीआरडीओ (DRDO) को उसके इस सफलता के लिए बधाई दी।
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रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत को टीम डीआरडीओ पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता (Import dependency) को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।” डीआरडीओ ने बताया कि यह मिसाइल तीन किलोमीटर तक बैठे टागरेट को अपना निशाना बना सकती है। ये कई सारे प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है।
मौजूदा समय में एमबीटी अर्जुन की एक बंदूक से तकनीकी मूल्यांकन के परीक्षणों से गुजर रहा है। इसके अलावा इसमें हीट (हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट) वारहेड के जरिए एक्सप्लोसिव रिऐक्टिव आर्मर (ERA) प्रोटेक्टेड वेहिकल्स को उड़ाती है। यह मिसाइल मॉडर्न टैंक्स से लेकर भविष्य के टैंक्स को भी नेस्तनाबूद करने में सक्षम होगी।
The missile employs a tandem HEAT warhead to defeat Explosive Reactive Armour (ERA) protected armoured vehicles. It has been developed with multiple-platform launch capability and is currently undergoing technical evaluation trials from a gun of MBT Arjun: DRDO https://t.co/6CqggD8chi
— ANI (@ANI) September 23, 2020
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वहीं, एटीजीएम के जरिए कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलिकॉप्टर्स को भी ढेर किया जा सकता है। इसके अलावा 22 सितंबर को DRDO ने अभ्यास (ABHYAS) नाम के एक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) का सफल उड़ान परीक्षण भी किया था। उड़ान परीक्षण ओडिशा के अंतरिम टेस्ट रेंज, बालासोर से किया गया।
इस वाहन का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है। अभ्यास (ABHYAS) नाम का यह हवाई वाहन (Aerial Vehicle) मिसाइलों और हथियारों के परीक्षण में काम आता है। DRDO ने एक बयान में कहा कि परीक्षण के दौरान यान ने पांच किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
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इस यान की रफ्तार आवाज की रफ्तार से आधी है। इसमें 2जी क्षमता है और 30 मिनट तक ऑपरेट करने की क्षमता है। यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस फ्लाइट लेने में सक्षम है। बता दें कि भारत के पास ऐसी मिसाइलों में पहले से ही नाग (Nag) जैसी गाइडेड मिसाइल (Guided Missile) है।
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वर्तमान में इसे NAMICA मिसाइल कैरियर (Nag Missile Carrier) से छोड़ा जाता है। यह मिसाइल बड़े टैंक्स (Tanks) को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकता है। इसमें इंफ्रारेड भी है, जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है। जिसके बाद नाग अचानक ऊपर उठती है और फिर तेजी से टारगेट के एंगल पर मुड़कर तेजी से उसकी ओर चल देती है।
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